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Frindship Day : क्यों मनाया जाता है यह दिन, जानें एक दोस्त की मौत से जुड़ी कहानी Bareilly News

फ्रेंडशिप डे की शुरूआत कैसे हुई सबसे पहले कब मनाया गया कहां मनाया? तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। दैनिक जागरण की इस खबर में अापको सारे सवालों के जवाब मिलेंगे।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 09:55 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 11:44 PM (IST)
Frindship Day : क्यों मनाया जाता है यह दिन, जानें एक दोस्त की मौत से जुड़ी कहानी Bareilly News
Frindship Day : क्यों मनाया जाता है यह दिन, जानें एक दोस्त की मौत से जुड़ी कहानी Bareilly News

बरेली, जेएनएन : दोस्तों की टोली, पुराने दिनों की यादें और नए दिन की ताजगी...साथ में एक उपहार। फ्रेंडशिप डे पर इससे बेहतर भला और क्या हो सकता है। रविवार को आने वाले इन खास मौके लिए शनिवार को बाजार में खूब खरीदारी हुई।

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सच्चे दोस्तों की याद में हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। अक्सर ही इस दिन को लेकर लोग चंद सवाल पूछते दिखाई देते हैं। मसलन, फ्रेंडशिप डे की शुरूआत कैसे हुई, सबसे पहले कब मनाया गया, कहां मनाया? तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। दैनिक जागरण की इस खबर में अापको सारे सवालों के जवाब मिलेंगे। वहीं, आपको कुछ ऐसी भी कहानियां बताएंगे जिनके आधार पर ही फ्रंडशिप डे शुरू होने का दावा किया जाता है। 

 

दोस्तों को शुभकामनाएं देने के लिए अभी भी कार्ड का क्रेज खूब है। भले ही वाट्सएप व डिजिटल कार्ड मोबाइल से दूसरे मोबाइल में पहुंचते हों। मगर हाथ से लिखे गए कार्ड का क्रेज भी कम नहीं हुआ। बाजार में इनकी कीमत सौ रुपये लेकर एक हजार रुपये तक है।

जब दोस्त की याद में खुदकशी 

फ्रेंडशिप डे की शुरुआत साल 1935 में अमेरिका से हुई थी. कहा जाता है कि अगस्त के पहले रविवार को अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था। जिसकी याद में उसके एक दोस्त ने खुदकशी कर ली थी।माना जाता है कि इसके बाद से ही सरकार ने उस दिन से अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

दो कहानियां जो करती है दावा

  1. कहा जाता है कि साल 1930 में एक व्यापारी ने इस दिन की शुरूआत की थी। जोएस हाल नाम के इस व्यापारी ने सभी लोगों के लिए एक दिन ऐसा रखा जिसमें दो दोस्त आपस में एक दूसरे को कार्ड देते हुए इस दिन को यादगार बना सकें। इसके लिए उस व्यापारी ने 2 अगस्त के दिन को चुना। बाद में यूरोप और एशिया के बहुत से देशों ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फ्रेंडशिप डे को मनाने का फैसला किया।
  2. फ्रेंडशिप डे से जुड़ी दूसरी कहानी के मुताबिक 20 जुलाई 1958 को डॉक्टर रमन आर्टिमियो ने एक डिनर पार्टी के दौरान अपने दोस्तों के साथ मित्रता दिवस मनाने का विचार रखा था। पराग्वे में हुई इस घटना के बाद विश्व में फ्रेंडशिप डे मनाने की परंपरा पर खासा ध्यान दिया गया।

 

फ्रेंडशिप बैंड का प्रचलन बरकरार 

फ्रेंडशिप डे और फ्रेंडशिप बैंड न हो, ऐसा नहीं हो सकता। इसकी भी खूब खरीदारी की गई। दोस्तों को खुश करने उनके नाम का लिखा हुआ बैंड सबसे ज्यादा बिका। बटलर प्लाजा में इसकी कीमत 40 रुपये से शुरू है। पांच सौ रुपये तक की कीमत के बैंड उपलब्ध हैं। डिजिटल बैंड भी गिफ्ट कर सकते हैं। इनकी कीमत दो हजार रुपये से शुरू होती है, इसके बाद जो ब्रांड लेंगे उनके अनुसार दाम बढ़ते जाएंगे।

मैजिक कॉफी मग भी युवाओं को आकर्षित कर रहे। इसमें गरम चीज को डालते ही मग का रंग बदल जाता है। फूलों की बिक्री भी खूब होगी। रविवार को खरीदारी का अनुमान लगाते हुए बटलर प्लाजा, डीडीपुरम, प्रेमनगर तिराहा, जिला पंचायत रोड पर फूल विक्रेताओं ने रविवार के लिए विशेष फूलों की खेप मंगाई है।

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