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व्यापारियों की खीचतान में 4 दिन में 10 करोड़ पर थमा चलता पहिया Bareilly News

कपड़ा कारोबार में करीब 10 करोड़ का टर्न ओवर का मौका दे दिया। छूट का दायरा बढ़ना था किराना व दवा बाजार पहले ही ढर्रे पर था।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 05:32 PM (IST)
व्यापारियों की खीचतान में 4 दिन में 10 करोड़ पर थमा चलता पहिया Bareilly News

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से जूझते कारोबार को गति देने के लिए दी गई कवायद थमी तो आंकडों पर निगाह गई। व्यापारिक जोड़ - घटना बता रहा है कि महेश 4 दिन में 6 घंटे प्रतिदिन थोक कारोबार की छुट ने कपड़ा कारोबार में करीब 10 करोड़ का टर्न ओवर का मौका दे दिया। छूट का दायरा बढ़ना था, किराना व दवा बाजार पहले ही ढर्रे पर था। रमजान को देखते हुए अन्य ट्रेड को भी छूट दिए जाने की तैयारी थी मगर व्यापारियों की आपसी खींचतान ने शहर की अर्थव्यवस्था के सुधार की कवायद को ठहरा दिया।

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जिले से साड़ी, लेडीज सूट का थोक कारोबार उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में होता है। लॉक डाउन के कारण ठप पड़े कारोबार को गति देने के लिए पहले 116 और बाद में 70 थोक दुकानदारों को बाहर माल भेजने की छूट दी गई थी। व्यापारी बताते हैं कि 4 दिन में मिली कुल 24 घंटे काम करने की छूट के दौरान करीब 10 करोड़ रुपए का टर्नओवर हुआ।

होलसेल कपड़ा कमेटी के पदाधिकारी बताते हैं कि छूट के दौरान शाहजहांपुर, लखीमपुर, फर्रुखाबाद, गोला, कासगंज, हल्द्वानी, पीलीभीत, उधम सिंह नगर के लिए कपड़े की गांठे भेजी गईं। रमजान को देखते हुए इसमें साड़ी सूट और सूटिंग शटिंग भेजी गई है। हल्द्वानी, पीलीभीत, उधम सिंह नगर, लखीमपुर में साड़ी और सूट की डिमांड अधिक होने से करीब 5.5 करोड़ का माल भेजा गया है।

थोक बाजार को छूट का फायदा मिला था ।कारोबार का पहिया चलने लगा था। और लॉकडाउन होने तक तो कपड़ा बाजार ढर्रे पर दौड़ने की स्थिति में आ सकता था। मगर अचानक छूट बंद किए जाने से यह कारोबार फिर थम गया है।  

इन थोक कारोबार से सुधरते हालात

सोमवार को प्रशासन ने जो रोस्टर तैयार कराया, उसमें रमजान को देखते हुए छूट की तैयारी की गई थी। दिन व घंटों के अनुसार रेडीमेड गारमेंट, फुटवियर के साथ-साथ ऑप्टिकल, सीमेंट, लोहा, इलेक्ट्रिक का माल ट्रांसपोर्ट होने की छूट मिल जाती। मगर कुछ व्यापारियों ने रोस्टर पर विवाद खड़े कर दिए। जिस कारण उसे निरस्त कर दिया गया था।

गर्मी के सीजन का घाटा त्यौहार में पूरा करने की थी आस

दिल्ली से थोक रेडीमेड कपड़े आते हैं।यहां भी दो दर्जन बड़ी फैक्ट्री कपड़े तैयार कर रही हैं। चूंकि इस बार होली के कुछ दिन बाद ही लॉकडाउन हो गया, ऐसे में गर्मी के सीजन का स्टॉक को दामों में धरा रह गया।मार्च-अप्रैल और अब मई का आधा महीना लगभग खत्म होने वाला है। रेडीमेड कपड़ा कारोबार करने वाले व्यापारियों ने रमजान के त्यौहार को लेकर आस लगाई।यदि इस ट्रेड को छूट मिलती तो त्यौहार पर गर्मी के सीजन का स्टॉक फुटकर दुकानों तक पहुंच सकता था। अब यदि लॉकडाउन 17 को हटता है तो आनन-फानन यह स्टॉक फुटकर बाजार में लेकर जाना होगा।


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