Road Accident : काश हेलमेट पहने होते तो न बुझते घर के चिराग, तीन की मौत Bareilly News
ट्रक को ओवरटेक करते समय साइड लगने से बाइक सवार ट्रक के नीचे आ गए। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
जेएनएन, बरेली : फुफेरी बहन की शादी में शामिल होकर घर लौट रहे बाइक सवार दो सगे भाई समेत तीन युवकों की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। सोमवार को शाम चार बजे जिस समय यह घटना हुई उस समय बाइक पर सवार युवकों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहन रखा था। लोगों के अनुसार ट्रक को ओवरटेक करते समय साइड लगने से बाइक सवार ट्रक के नीचे आ गए। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
अाधार कार्ड से हो सकी शिनाख्त
तलाशी में मिले आधार कार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त समीर खां (20) पुत्र जमीर अहमद निवासी कटकुईया शाहदाना, थाना बारादरी बरेली के रूप में हुई। पुलिस की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने मृतकों की पहचान समीर खान और उसके छोटे भाई शाहनवाज खान (18) और चचेरे भाई रूसान खान (18) पुत्र साबिर हुसैन के रूप में की। परिजनों के अनुसार तीनों अपनी फुफेरी बहन की शादी समारोह में शामिल होने के लिए एक विवाह मंडप में आए थे। वापस घर लौटते समय हादसे के शिकार हो गए। एक ही परिवार के तीन युवकों की मौत पर कोहराम मच गया।
कंधों पर थी दो बहनों की जिम्मेदारी
पिता की मौत पहले ही हो चुकी थी। घर में बहन, दो बहनों की जिम्मेदारी किशोर उम्र के शाहनवाज और उसके भाई समीर पर थी। रामपुर के मिलक में हुए हादसे ने इन दोनों चिरागों को भी बुझा दिया। इन भाइयों के साथ पड़ोसी रुशान अपनी फुफेरी बहन की शादी में शामिल होने गया था। तीनों की मौत ने परिवारों को गम के दरिया में डुबो दिया।
जरी के काम मे कर रहे थे मां का सहयोग
बारादरी क्षेत्र के मुहल्ला कटिकुइयां निवासी जमीर अहमद की चार वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है। बेटे समीर और शहनवाज ही जरी का काम कर मां का सहयोग कर रहे थे। दोनों बहनों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी मासूम कंधों पर थी। देर शाम तक रामपुर से उनके शव नहीं आ सके थे। इसके चलते घर के बाहर मुहल्ले व रिश्तेदारों की भीड़ जुटी हुई थी।
तीनों को एक साथ खींच लाई मौत
समीर शादी में शामिल होने को दो दिन पहले ही रामपुर चला गया था। शाहनवाज और उसका दोस्त रुशान सोमवार की सुबह ही बाइक से गए थे। लौटते वक्त तीनों ने एकसाथ आने का फैसला किया। मौत तीनों को साथ खींच ले गई।
दोस्तों की जान था रुशान
हादसे की खबर आते ही घर पर भीड़ लग गई। लोगों का कहना है कि 12वीं का छात्र रुशान दोस्तों की जान था। हर किसी के साथ सुख दुख में शामिल रहना उसकी खासियत थी। यही कारण था कि देर शाम तक उसके दोस्त उसके शव आने का इंतजार करते रहे।