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सुपोषण की जंग : सही वक्त पर मिला इलाज, खिलखिला उठा कपिल Bareilly News

बच्चे के टेस्ट करवाए तो शरीर में खून मात्र चार ग्राम निकला। तुरंत उसे जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती करवाया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 02:42 PM (IST)
सुपोषण की जंग : सही वक्त पर मिला इलाज, खिलखिला उठा कपिल Bareilly News
सुपोषण की जंग : सही वक्त पर मिला इलाज, खिलखिला उठा कपिल Bareilly News

बरेली, जेएनएन : तीन महीने पहले की बात है। घर में काम करने वाली मालती अचानक छुट्टियां अधिक लेने लगी। एक दिन उससे कारण पूछा तो, रोने लगी। बोली, तीन साल का बेटा कपिल कुपोषण का शिकार है। तब उससे बेटे को लाकर दिखाने को कहा।

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बेटे को देखा तो उसकी हालत काफी गंभीर लगी। खाना-पीना भी छोड़ दिया था उसने। हड्डियां साफ दिखाई दे रही थी और खाल सिकुड़ गई थी। उसे तुरंत जिला अस्पताल भेजा। एनआरसी में 15 दिन भर्ती कराया। सही समय पर इलाज मिलने से उसकी हालत में सुधार हुआ। अब वह स्वस्थ है।
मासूम कपिल को कुपोषण से सुपोषण की ओर ले जाने का जरिया बनी स्टेडियम रोड निवासी डॉ. रमा वैश्य। डॉ. रमा ने बताया कि तीन साल का कपिल संजय नगर निवासी मालती की दूसरी संतान है। कमजोर व बीमार पडऩे पर वह आसपास के झोलाछाप से इलाज कराती रही। दवा लाकर देती रही। इससे उसकी हालत सुधरी नहीं, बल्कि और बिगड़ती चली गई। एक दिन उसकी हालत ज्यादा खराब हुई तो मालती उसे लेकर उनके पास आई।

बच्चे के टेस्ट करवाए तो शरीर में खून मात्र चार ग्राम निकला। तुरंत उसे जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती करवाया। वहां कर्मचारी सरताज व अन्य ने बच्चे की बेहतर देखरेख की। करीब 15 दिन भर्ती रहने के बाद कपिल की हालत सुधर गई। 15 दिनों में उसका वजन करीब डेढ़ किलो तक बढ़ गया। छुट्टी करने के 15 दिन बाद फिर अस्पताल पहुंचा तो वजन करीब दो किलो और बढ़ा पाया। अब कपिल पूरी तरह ठीक है।


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