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बरेली में झोलाछापों पर एक्शन के फाइनल पंच का इंतजार

झोलाछाप और नियम तोड़ने वाले अन्य लोगों का गिरोह इतना तगड़ा है कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग की टीम आंवला में कार्रवाई कर रही थी। वहीं दूसरी ओर कुछ ही दूरी पर एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की सीट पर बैठा कंपाउंडर मरीजों को इत्मिनान से देख रहा था।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:25 AM (IST)
बरेली के आंवला में डॉक्टर की जगह मरीजों की जांच कर दवाई देता कम्पाउंडर।

बरेली, जेएनएन। आंवला और बहेड़ी में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दो झोलाछापों पर कार्रवाई की। मुकदमा दर्ज करने की अनुशंसा भी हुई। इसके लिए संबंधित दोनों थानों तक तहरीर भी पहुंच गई। लेकिन जिले में बड़े स्तर पर झोलाछापों की करतूतों के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार है। खास बात ये कि झोलाछाप और नियम तोड़ने वाले अन्य लोगों का गिरोह इतना तगड़ा है कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग की टीम आंवला में कार्रवाई कर रही थी। वहीं, दूसरी ओर कुछ ही दूरी पर एक निजी अस्पताल में डॉक्टर की सीट पर बैठा कंपाउंडर मरीजों को इत्मिनान से देख रहा था। वजह, कुछ जगह कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग शासन के लिए रिपोर्ट कार्ड तैयार कर अपनी पीठ थपथपा लेता है। लेकिन जिले में फाइनल पंच का अभी तक इंतजार है।

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नोडल प्रभारी बदलने के बाद तेज हुई मुहीम

झोलाछाप प्रभाग के नोडल अधिकारी डॉ.सीपी सिंह ने सोमवार को कार्रवाई की है। इसके अलावा भी हाल के दिनों में हुई कार्रवाई उनके नेतृत्व में हुई हैैं। मुहिम कुछ तेज तो हुई लेकिन पूर्व में सामने आई साठगांठ बताती है कि गिरोह काफी बड़ा है। शायद इसीलिए जिला अस्पताल परिसर में बैठने वाले महकमे के बड़े अधिकारी के आसपास चलने वाले लोग भी इसमें साजबाज थे।

झोलाछाप हाल में एक मौत का बना सबब

आंवला और बहेड़ी में जो दो झोलाछाप पकड़े गए, उनमें से एक रंजीत सिंह गोगी पहले भी विवाद में रहा है। उसके हाथों हुए गलत इलाज की वजह से कुछ समय पहले एक मरीज दम तोड़ चुका था। तब विभाग ने महज नोटिस देकर हाथ झाड़ लिए थे। वहीं, आरोपित गोगी ने नोटिस का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा था। ऐसे में साफ समझ आता है कि लेकिन जिले में झोलाछाप का मकड़ जाल कितना ज्यादा मजबूत है।

झोलाछाप का नाम पता बताएं

नोडल अधिकारी डॉ.सीपी सिंह ने बताया कि जिले में झोलाछाप के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। अगर किसी के पास झोलाछाप की जानकारी हो तो वह नाम-पता गुप्त रखकर सूचना दे सकता है। एक्शन लिया जाएगा।


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