बरेली, जेएनएन। बिथरी चैनपुर से लंबे समय तक सशक्त राजनीति करने वाले पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह की राजनैतिक विरासत को लेकर उनके भाई और बेटे में जंग छिड़ गई है। पूर्व विधायक ने अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी अपने बेटे को बताया है। इस बाबत अपने लेटर पैड पर पत्र भी जारी किया है। वही, सपा में शामिल हो चुके उनके भाई देवेंद्र सिंह ने पत्र को पूरी तरह फर्जी बताया है। उनका कहना है कि बड़े भाई दो साल से वेंटीलेटर पर हैं और करीब नौ महीने से हस्ताक्षर तक नहीं कर पा रहे हैं।
बसपा के समय दो बार बिथरीचैनपुर से ब्लॉक प्रमुख रहने वाले देवेंद्र सिंह ने तीन दिन पहले ही लखनऊ में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। उनका पूरा परिवार लंबे समय तक बसपा में ही रहा। बड़े भाई वीरेंद्र सिंह तो कद्दावर विधायक रहे। गंभीर बीमारी होने के कारण वह पिछले दो साल से वेंटीलेटर पर हैं। देवेंद्र सिंह के सपा ज्वाइन करने के बाद बुधवार को पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह की ओर से जारी पत्र ने राजनैतिक हलकों में खलबली मचा दी।
अपने पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देवेंद्र सिंह के सपा की सदस्यता ग्रहण करना उनका व्यक्तिगत निर्णय है, जिससे उन्होंने अपना कोई सरोकार नहीं होना बताया है। यह कहा है कि उन्होंने व उनके परिवार ने अपनी पूर्व पार्टी से किसी भी तरह का संबंध नहीं तोड़ा है। उन्होंने अपने राजनैतिक उत्तराधिकारी के तौर पर अपने बेटे आशीष पटेल को बताया है। कहा है कि वह भविष्य में उचित निर्णय लेकर अपना राजनैतिक करियर शुरू करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से बेटे आशीष को सहयोग व समर्थन देने की अपील की है।
वही, दूसरी ओर देवेंद्र सिंह ने पत्र को पूरी तरह से फर्जी, झूठा बताया। उन्होंने कहा कि बड़े भाई वीरेंद्र सिंह मेरे पिता समान हैं। उन्होंने जनवरी 2020 में मुझसे राजनैतिक विरासत संभालने को कहा था। बोले थे कि उनके बेटे कारोबार संभालेंगे। दस अप्रैल के बाद से वह कुछ भी लिख नहीं पा रहे हैं। बीमारी के कारण सिर्फ अपनी आंखे ही चला पा रहे हैं। बाकी चारों भाइयों व पूरे परिवार की सहमति से ही सपा में शामिल हुए हैं।
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