UP Police : कबूतर की जान बचाने को यूपी के इस दारोगा ने चलाया 'ऑपरेशन जान'
हमेशा आरोपों में घिरी रहने वाली खाकी की इंसानियत की एक तस्वीर उस वक्त सामने आई जब एक कबूतर की जान बचाने के लिए यूपी पुलिस के एक दारोगा ने आॅपरेशन जान चलाया।
बरेली, जेएनएन। इंसान वही जिसमें इंसानियत हो। हमेशा आरोपों में घिरी रहने वाली खाकी की इंसानियत की एक तस्वीर उस वक्त सामने आई जब एक कबूतर की जान बचाने के लिए यूपी पुलिस के एक दारोगा ने आपरेशन जान चलाया। जिसके बाद लोग दारोगा की इस दरियादिली के कायल हो गए। दरअसल यह वाक्या उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के इज्जतनगर थाने का है।
इज्जतनगर थाने के गेट के पास एक विशालकाय पेड़ पर उलझे मांझा कबूतर के दाहिने पंख में फंस गया। कबूतर ने लाख उडऩे की कोशिश की लेकिन छूटने में नाकामयाब रहा। बल्कि इस कोशिश में वह लहूलुहान होने लगा। इस मंजर को कई लोग देख रहे थे! लेकिन करीब तीस मीटर ऊपर हवा में फंसे कबूतर को बचाने की कोशिश किसी ने नहीं की।
थाने के बाहर तमाशबीन जुटते देख दारोगा सन्नी चौधरी और वाहन चालक संदीप तोमर बाहर निकले। उन्होंने भीड़ कम कराने के बाद कबूतर बचाने की कवायद शुरू की। काफी कोशिश के बावजूूद असफल रहे। लेकिन दारोगा ने हिम्मत नहीं हारी।
मंगाई क्रेन, एक घंटे चला ऑपरेशन
कोशिशें नाकाफी साबित होती देख दारोगा सन्नी चौधरी को लगा कि अगर ऊंची क्रेन मंगाई जाए तो कबूतर को बचाया जा सकता है। उन्होंने क्रेन वाले को फोन किया। क्रेन पहुंची। थाने के सामने रोड ब्लॉक की गई। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद कबूतर को मांझे से निकाला जा सका।
अपनी जेब से अदा किए चार हजार रुपये
क्रेन मालिक ने पांच हजार रुपये किराया बताया था। हालांकि दारोगा की मशक्कत और इंसानियत देखते हुए एक हजार रुपये नहीं लिए। चार हजार रुपये भी दारोगा ने अपनी जेब से दिए।
कबूतर ने भी अपने अंदाज में किया धन्यवाद
खास बात कि कबूतर जैसे ही मांझे से छूटा वह इधर-उधर न उड़कर सीधे इज्जतनगर थाने के अंदर पहुंचा। यूं लगा कि जैसे कबूतर भी दारोगा की दरियादिली के बदले पुलिस महकमे को धन्यवाद दे रहा हो। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने एहतियात के साथ खून से लथपथ कबूतर के पंख से मांझा निकाला। उसको प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक के पास ले गए।