UP Police : सुरक्षा के लिए नया नंबर जारी लेकिन भरोसा पुराने नंबर पर... क्यों Bareilly News
एक नंबर लगाए और किसी भी तरह की इमरजेंसी में मदद पाएं इस कवायद के साथ प्रदेश की पुलिस ने यूपी 112 नंबर जारी किया मगर जिले के लोगों ने इसे अब तक नहीं स्वीकारा।
अंकित गुप्ता, बरेली : एक नंबर लगाए और किसी भी तरह की इमरजेंसी में मदद पाएं इस कवायद के साथ प्रदेश की पुलिस ने यूपी 112 नंबर जारी किया मगर जिले के लोगों ने इसे अब तक नहीं स्वीकारा। वे अभी भी पुराने नंबर 100 पर ही फोन कर मदद मांग रहे। जबकि सरकार चाहती है कि लोग 100 नंबर का मोह छोड़ दें। विदेशों की तर्ज पर एक ही नंबर डायल करें और पुलिस, स्वास्थ्य, दमकल जैसी किसी भी आपात स्थिति में मदद पा सकें। मगर, लोगों को जानकारी नहीं होने से यह कवायद रंग लाती नजर नहीं आ रही।
सप्ताह भर में आदत नहीं बदली
यूपी 112 सेवा की शुरूआत 26 अक्टूबर को की गई थी। सप्ताह बीतने के बाद भी जरूरतमंदों ने 112 का रुख नहीं किया। यूपी-100 के आंकड़ों के अनुसार, जिले के 150 से 175 लोगों इसी नंबर पर फोन कर मदद मांग रहे हैं। वहीं यूपी 112 डायल करने वालों की संख्या प्रतिदिन 3 से 5 पर सिमटी हुई है। हालांकि यूपी-100 के कंट्रोल रूम को ही यूपी-112 में परिमार्जित किया गया है। इसलिए पुराने नंबर की गई कॉल डायवर्ट कर दी जाती है।
यूपी-112 पर सारी आपात सेवाएं
यूपी-112 को पुलिस के 100 नंबर, एंबुलेंस के 108, फायर ब्रिगेड के 101 से तो जोड़ा ही है, इसके अलावा भी बीस से ज्यादा सेवाएं इसी नंबर पर मिल सकेंगी। जरूरतमंद को यह नंबर डायल कर बताना होगा कि मदद क्या चाहिए। इसके बाद पुलिस, फायर और स्वास्थ्य के अलावा एसडीआरएफ (जीवन रक्षक एजेंसी), 1090, 102 आदि से मदद प्राप्त की जा सकती है।
चंद सेवाओं पर ही सिमट गया 100 नंबर
सपा सरकार में शुरू हुई डायल-100 सुविधा को भाजपा सरकार ने अपग्रेड करते हुए यूपी-100 कर दिया था। इसमें पुलिस, दमकल, एंबुलेंस की सुविधा भी मिलने लगी थी।
मदद को मिलेगी प्रशिक्षित कर्मियों की टीम
यूपी-112 पर कॉल कर मदद मांगने वालों को प्रशिक्षित कर्मी हैंडल करेंगे। कॉल उठाने वाले से लेकर मौके पर जाने वाले कर्मियों तक को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें पता होगा कि डिप्रेशन, आग में फंसे, चोटिल लोगों को कैसे हैंडल करना है।
निष्कर्ष तक पहुंचाने की होगी जिम्मेदारी
यूपी-100 को यूपी-112 में परिमार्जित करने का मकसद पीड़ित की मदद के लिए जल्द से जल्द पहुंचना ही नहीं बल्कि समस्या का विधिक निष्कर्ष करना भी है। इसके लिए इसमें लगे कर्मचारियों को उसी अनुरूप ट्रेंड किया गया है।
बड़ी समस्या पर एक साथ पहुंचेगा मैसेज
यूपी-112 के प्रभारी र¨वद्र सिंह के अनुसार अगर समस्या बड़ी और हाई ग्रेविटी की है तो मदद को पहुंचने वाले सभी संबंधित लोगों के पास एक साथ ही मैसेज ट्रांसफर हो जाएगा। इससे पीड़ित को अलग अलग कॉल कर मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।