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UP : विकास के लिए 789 पेड़ों की कीमत पर वन विभाग ने जताई आपत्ति, DM बोले- दस गुना लगाए पेड़

विकास के लिए क्या जरूरी है कि हरियाली की कीमत चुकाई जाए। कई प्रोजेक्ट में सड़कों से छांव गायब हुई। ग्रीन फील्ड सिकुड़ गई। एक बार फिर शहर के सुगम यातायात के लिए मिनीबाईपास के पास खड़े 789 पेड़ों के कटने की नौबत बन गई है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 09:16 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 09:16 AM (IST)
UP : विकास के लिए 789 पेड़ों की कीमत पर वन विभाग ने जताई आपत्ति, DM बोले- दस गुना लगाए पेड़
विकास के लिए 789 पेड़ों की कीमत पर वन विभाग ने जताई आपत्ति, DM बोले- दस गुना लगाए पेड़

बरेली, जेएनएन। विकास के लिए क्या जरूरी है कि हरियाली की कीमत चुकाई जाए। कई प्रोजेक्ट में सड़कों से छांव गायब हुई। ग्रीन फील्ड सिकुड़ गई। एक बार फिर शहर के सुगम यातायात के लिए मिनीबाईपास के पास खड़े 789 पेड़ों के कटने की नौबत बन गई है। पेड़ कटते हैं तो बस अड्डा बन जाएगा। लेकिन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठा छोटा कदम कई पेड़ों को बचा सकता है। अगर बस अड्डे का नक्शा पेड़ों को ध्यान में रखकर बनाए जाए तो शहर को मिल रहे नए बस अड्डे की सुंदरता भी बनी रहेगी और पर्यावरण का नुकसान भी कुछ कम होगा।

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मिनी बाईपास पर उदयपुर खास में प्रस्तावित 2.285 हेक्टेयर बस अड्डे की जमीन पर 789 पेड़ हैं। परिवहन विभाग चाहता है कि जमीन खाली मिलने के बाद नक्शा तैयार किया जाए। जबकि वन विभाग अपने पेड़ों को लेकर आपत्ति दर्ज करा रहा है। क्योंकि 789 पेड़ों को काटने के लिए दस गुना पेड़ों को लगाना भी पड़ेगा। एडीएम प्रशासन वीके सिंह के कहने पर वन विभाग ने करीब 32 लाख रुपये का एस्टीमेट भी तैयार कर दिया है। अब सोमवार को यह एस्टीमेट प्रशासन को सौंपा जाएगा।

डीएम नितीश कुमार ने रखे दो विकल्प

वन विभाग खुद ही प्रशासन की जमीन पर 7890 पेड़ लगाए और अगले पांच साल तक उनकी देखभाल करें। इसके लिए 32 लाख रुपये वन विभाग को चुकाए जाएं। - परिवहन विभाग इन पेड़ों को लगाए। उनकी देखभाल पांच साल तक करने के बाद वन विभाग को सौंप दें। इसके लिए भी जमीन प्रशासन ही देगा।

पेड़ों को बचाने के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। वन विभाग और परिवहन विभाग को अधिक से अधिक पेड़ों को बचाने के लिए कहा गया है। - नितीश कुमार, बरेली डीएम

 


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