पीलीभीत में भाकियू के मंडल अध्यक्ष समेत 50 पर हुई कार्रवाई, दर्ज हुआ मुकदमा
UP Elections 2022 पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो तथा उनके चालीस-पचास अज्ञात समर्थकों के खिलाफ धारा 144 के साथ ही महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
बरेली, जेएनएन। UP Elections 2022 : पीलीभीत में पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो तथा उनके चालीस-पचास अज्ञात समर्थकों के खिलाफ धारा 144 के साथ ही महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। उधर, भाकियू मंडल अध्यक्ष ने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए जिला प्रशासन पर राजनीतिक दलों की ओर से निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की अनदेखी करने का आरोप जड़ा है। उनका कहना है कि वह प्रशासन के इस पक्षपातपूर्ण रवैये की शिकायत निर्वाचन आयोग मेंं करेंगे।
सुनगढ़ी थाने के आरक्षी सुधीर कुमार की तहरीर पर दर्ज की गई रिपोर्ट में कहा गया कि विगत 13 जनवरी को उसकी ड्यूटी पवन मोबाइल में लगी थी। वह भ्रमण कर रहा था। दोपहर में सात से आठ छोटी गाड़ियों में अपने 40-50 कार्यकर्ताओं को साथ लेकर भाकियू के बरेली मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो स्वागत जूलूस के साथ बांसुरी चौराहा पर पहुंचे। ज्यादातर कार्यकर्ताओं न मास्क नहीं लगा रखा था। साथ वे उचित शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन नहीं कर रहे थे। उन सभी कार्यकर्ताओं ने धारा 144 का उल्लंघन करते हुए बांसुरी चौराहा पर भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया।
ड्यूटी के दौरान जब उसने यह सब देखा तो तुरंत इसकी सूचना थाने पर दी। थाने से फोर्स मौके पर पहुंचा। पुलिस फोर्स ने प्रदर्शन कर रहे भाकियू कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया लेकिन कहलो के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता मंडी समिति परिसर में चले गए। इस तरह से धारा 144 के साथ ही महामारी निवारण अधिनियम का भी उल्लंघन किया गया। उधर, भाकियू मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह कहलो का कहना है कि जब भी किसी संगठन में कोई नया पदाधिकारी बनाया जाता हा, तो उसके स्वागत में दस-बीस लोगों का जुटना स्वाभाविक होता है।
उन्होंने व कार्यकर्ताओं ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया। जिला प्रशासन पक्षपातपूर्ण ढंग से काम कर रहा है। वे लोग कोई राजनीतिक नहीं हैं, वोट के लिए भीड़ जुटाएंगे। आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन तो कई पार्टियों के नेता कर रहे। उनके चुनाव प्रचार की सामग्री अभी तक अनेक स्थानों पर लगी हुई है, वह प्रशासन को दिखाई नहीं देती। वह जिला प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये की शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे।