Move to Jagran APP

यूपी एटीएस बरेली में तलाश रही घुसपैठियाें का नेटवर्क, सक्रिय हुई खुफिया एजेंसियां, वीआईपी कालोनी में किराए से रहते थे आरोपित ठेकेदार

UP ATS Action News यूपी एटीएस की कार्रवाई के दौरान चाैंकाने वाला सच सामने आने के बाद अब एटीएस लोकल कनेक्शन खंगाल रही है। म्यामांर और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेशों में बेचने वाले गिरोह से ताल्लुक रखने वाले घुसपैठियों का नेटवर्क तलाश रही है

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 06:25 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:25 AM (IST)
यूपी एटीएस बरेली में तलाश रही घुसपैठियाें का नेटवर्क, सक्रिय हुई खुफिया एजेंसियां, वीआईपी कालोनी में किराए से रहते थे आरोपित ठेकेदार
UP ATS Action News : यूपी एटीएस बरेली में तलाश रही घुसपैठियाें का नेटवर्क, सक्रिय हुई खुफिया एजेंसियां

बरेली, जेएनएन। UP ATS Action News : यूपी एटीएस की कार्रवाई के दौरान चाैंकाने वाला सच सामने आने के बाद अब एटीएस लोकल कनेक्शन खंगाल रही है।म्यामांर और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेशों में बेचने वाले गिरोह से ताल्लुक रखने वाले बरेली के दो ठेकेदारों से सम्पर्क करने वाले घुसपैठियों का नेटवर्क तलाश रही है।जिसके लिए वह ठेकेदारों से पूछताछ करने के अलावा छापेमारी भी कर रही है।

loksabha election banner

ठेकेदारों का घुसपैठियों से कनेक्शन खंगाल रही एटीएस

जिन दो ठेकेदारों के जरिए आरोपितों को मीट फैक्ट्री में एंटी मिली तो प्रदेश के कई शहरों की मीट फैक्ट्रियों में लेबर सप्लाई का काम करते है। अलीगढ़ में भी ठेकेदारों द्वारा लेबरों की बड़ी खेप खपाई गई है। अवैध रूप से सीमा पार कर उत्तरप्रदेश में एंट्री और फिर फैक्ट्रियों में काम। आखिर घुसपैठिये ठेकेदारों के संपर्क में सीधे किसके जरिए आते थे। एटीएस इसकी कड़ी दर कड़ी जोड़ रही है। एटीएस ने दोनों ठेकेदारों से भी मामले में पूछताछ की है।

महंगी कालोनियों में किराए पर रहते थे आरोपित

दोनों आरोपित कैंट थानाक्षेत्र में स्थित दो महंगी कालोनियों में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। एक कैंट की ख्वाजा नगर कालोनी के सामने स्थिति कालोनी व दूसरा इंटरनेशनल कालोनी में किराए के कमरे में रहते थे। जानकारों की मानें तो इन वीआइपी कालोनियां होने के चलते यहां किराया भी ज्यादा है। दोनों अकेले ही यहां पर रहते थे।

तर्क-उन्नाव निवासी है रहबर फूड इंडस्ट्री का मालिक

दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी पर मारिया फूड फैक्ट्री के डायरेक्टर सरफराज ने बताया कि दोनों आरोपित रहबर फूड इंडस्ट्री से पकड़े गए। रहबर फूड फैक्ट्री का मारिया फूड फैक्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है। उनके मुताबिक, करीब सात साल पहले ही रहबर फूड फैक्ट्री उन्नाव के रहने वाले सलीम नाम के व्यक्ति ने खरीदी थी। फैक्ट्री का संचालन उनके द्वारा ही किया जाता है।

सक्रिय हुई खुफिया एंजेसियां, तैयार कर रही हैं रिपोर्ट

बरेली हमेशा से स्लीपिंग माड्यूल रहा है। आतंकवादी गतिविधियों में शामिल आंतकियों को बरेली से पकड़ा जा चुका है। अब एक बार फिर म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेश में बेचने वाले मानव तस्कर गिरोह के दो आरोपितों को एटीएस द्वारा बरेली से पकड़े जाने के बाद खुफिया एंजेसियां सतर्क हो गई हैं। दो माह में बरेली में रहने के दौरान आरोपित किसके संपर्क में रहे। उनके ठिकानों के साथ उनके संपर्क में रहे लोगों के बारे में खुफिया एंजेंसियां जानकारी जुटा रही है। खुफिया एंजेसियां आरोपितों के दो माह के पूरे कार्यकाल के बारे में जानकारी में जुट गई हैं।

बरेली में कहा से बनवाए कूटरचित दस्तावेज

पूछताछ में सामने आया कि ठेकेदरों ने जब दोनों की फैक्ट्री में एंट्री कराने की प्रक्रिया शुरू की तो दोनों के पास पहचान का कोई दस्तावेज न था। सवाल खड़े होने पर ठेकेदारों ने कुछ दिन की मोहलत मांगी और आरोपितों ने भी जल्द ही पहचान के दस्तावेज देने की बात कही। एटीएस की कार्रवाई में आरोपितों के पास से पहचान के कूटरचित दस्तावेज मिले। ऐसे में सवाल है कि आरोपितों व ठेकेदारों ने मिलीभगत कर क्या बरेली में ही कूटरचिव दस्तावेज तैयार किये। यह बड़ा सवाल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.