UP Assembly Elections 2022 : बरेली में जानिए सपा का सियासी खेल, बसपा के कैडर पर जमाई निगाह, जोड़े बामसेफ के पुराने धुरंधर
UP Assembly Elections 2022 समाजवादी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गोटे बिछानी शुरू कर दी है। बहुजन समाज पार्टी की तरह ही अलग से एक संगठन को चुनावी रणभूमि तैयार करने को लगाया है। इसमें बामसेफ के पुराने धुरंधर ही लगाए हैं।
बरेली, जेएनएन। UP Assembly Elections 2022 : समाजवादी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गोटे बिछानी शुरू कर दी है। बहुजन समाज पार्टी की तरह ही अलग से एक संगठन को चुनावी रणभूमि तैयार करने को लगाया है। इसमें बामसेफ के पुराने धुरंधर ही लगाए हैं। वही, धुरंधर जो कभी बसपा के संगठन को मजबूती देते थे। अब सपा को मजबूत करने में जुटे हैं। बीते दिनों शहर आए सपा की बाबा भीम राव आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती इसी का सबूत है। उन्होंने न सिर्फ दावेदारों की स्क्रीनिंग की, बल्कि सुरक्षित सीट की स्थिति को देखने भी पहुंचे।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट मांगने वालों की स्क्रीनिंग कराए जाने की बात कही थी। बरेली से भी नौ विधानसभा सीटों से तमाम आवेदन पार्टी के पास पहुंचे हैं। दावेदारों की स्क्रीनिंग के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तमाम अनुभवी लोगों को लगाया है। संगठन को मजबूत करने के लिए सपा का एक धड़ा अलग से काम में जुट गया है।
इसी उद्देश्य से उन्होंने आंबेडकर वाहिनी का गठन भी किया है। बीते दिनों शहर पहुंचे आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती ने सर्किट हाउस में दावेदारों से अलग-अलग मिलकर बातचीत की। उन्होंने दावेदारों के बारे में संगठन से भी जानकारी ली। इतना ही नहीं उनसे मुलाकात करने के लिए बामसेफ से जुड़े तमाम लोग वहां पहुंचे, जिसमें कई रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल थे। उनके अलावा सुरेंद्र सोनकर, जितेंद्र मुंडे समेत अन्य नेता भी बसपा के कैडर वोट को साधने में जुटे हैं। इसके साथ ही सपा को मजबूत करने का काम भी कर रहे हैं।
सुरक्षित सीटों पर है खास नजर
बामसेफ के पुराने धुरंधर लोगों के घर-घर पहुंचकर, बैठक कर समाज के लोगों से मिल रहे हैं। लंबा अनुभव होने के कारण वह टिकट के दावेदारों की स्क्रीनिंग भी कर रहे हैं। इसके साथ ही उनका खास फोकस जिलों की सुरक्षित सीटों पर है। बीते दिनों मिठाई लाल भारती फरीदपुर में इसी के चलते गए। वहां टिकट की दावेदारी करने वालों से मिले और जातीय समीकरणों के बारे में जानकारी ली।
बसपा या बामसेफ से हटाए गए कुछ लोग अब समाजवादी पार्टी के साथ हैं। हालांकि इससे बसपा पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि ये ऐसे नाम हैं, जो पिछले चुनाव में अपने क्षेत्र की सीट भी नहीं निकलवा पाए थे।- डा.जयपाल सिंह, जिलाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी