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Unlock-1 Market : बरेली में 40 फीसद कम हुआ प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले मसालों का कारोबार

लाकडाउन के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के जरिए रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपायों का जिक्र किया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 08:13 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 05:53 PM (IST)
Unlock-1 Market : बरेली में 40 फीसद कम हुआ प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले मसालों का कारोबार
Unlock-1 Market : बरेली में 40 फीसद कम हुआ प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले मसालों का कारोबार

बरेली, जेएनएन। लाकडाउन के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के जरिए रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के उपायों का जिक्र किया। इसमें गोल्डन मिल्क ( हल्दी वाला दूध) और आयुर्वेदिक काढ़ा की बात हुई। काढ़ा बनाने में काली मिर्च, दाल चीनी, सौंठ जैसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ लोग इसमें मुनक्का और नींबू का रस भी डालते हैैं। वहीं, दूध में हल्दी डालकर पीने से प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। खास बात कि देश के तमाम लोगों ने इसके बाद से आयुर्वेद से जुड़े उपाय का रोजाना जीवन का हिस्सा बनाया। बावजूद इसके इस्तेमाल किए जाने वाले इन मसालों की कीमतों में कोई फर्क नहीं आया। बल्कि इसके उलट अनलॉक-1 लागू होने के बाद कुछ मसालों की कीमत गिरी हैैं। जानकार बताते है कि लॉकडाउन होने के बावजूद मसालों की आवक में कोई कमी नहीं हुई। बाजार में मसालों का पर्याप्त स्टॉक है।

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मसालों का सालाना 125 करोड़ का कारोबार

बरेली में मसालों का सालाना करीब 125 करोड़ का बाजार है। श्यामगंज में मसालों के थोक व्यापारियों की 40 दुकानें हैं। यहां से मसाले की जिले भर में आपूर्ति होती है। मसालों में जायफल, जावित्री, कालीमिर्च, दालचीनी जैसे गर्म मसाले जहां केरल से आते हैं। वहीं आंध्र प्रदेश से हल्दी, मिर्च आती है। जबकि राजस्थान और गुजरात से धनिया, जीरा, सौंप मंगाई जाती है। वहीं तमिलनाडु से हल्दी की आपूर्ति की जाती है।

पार्टी-आयोजन न होना भी वजह

व्यापारियों का कहना है कि शादी में सीमित लोगों की अनुमति है। बड़े आयोजन हो नहीं रहे। न पार्टियां आयोजित हो रही है और न ही ग्रामीण बाजार अभी पूरी तरह से खुले हैैं। होटलों में भी लोग नहीं आ रहे है। ऐसे में आपूर्ति की अपेक्षा मांग कम है। दुकानदार भी स्टॉक करने से डर रहे हैैं।

ये हैैं कीमतें

हल्दी - 70 से 100 रुपये

धनिया - 80 से 120 रुपये

मिर्च -160 से 195 रुपये

काली मिर्च - 350 से 500 रुपये

जायफल - 660 रुपये

जीरा - 165 रुपये

मखाना- 400 रुपये

छुआरा - 200 रुपये

40 प्रतिशत व्यापार कम हो गया है। पटरी पर आने में व्यापार को कम से कम छह महीने लगेंगे। हालांकि मसालों की बिक्री रही।

गुलशन सब्बरवाल, अध्यक्ष, किराना व्यापार कमेटी

लॉकडाउन होने से बाजार में पैसा नहीं है। इस वजह से कुछ समय के लिए मांग कम हुई। बाजार से माल बराबर आ रहा है।

आशीष अग्रवाल, मसालों के थोक व्यापारी

मसालों की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं है लेकिन बाजार में थोक बिक्री कम हो रही है। फुटकर खरीदार काफी आ रहे हैैं।

राजीव नाथ, भोलनाथ ट्रेडर्स

मसालों की कीमतें तो नहीं बढ़ी हैं। कई मसालों की तो पहले की अपेक्षा दाम कम भी हुए है। आम आदमी के लिए अच्छा है।

मोहनलाल, निवासी, सुभाष नगर


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