Unlock-1 Wildlife : पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ ही नहीं भालू का भी बढ़ रहा कुनबा Pilibhit News
वर्ष 2013 से पहले तक पीलीभीत के जंगल में भालुओं की संख्या काफी कम हुआ करती थी। फील्ड कर्मचारियों को भी गश्त के दौरान भालू नहीं दिखाई देते थे।
पीलीभीत, जेएनएन। टाइगर रिजर्व के जंगल में सिर्फ बाघ ही नहीं बल्कि भालुओं का भी कुनबा लगातार बढ़ रहा है। लॉकडाउन में पर्यटन बंद है। ऐसे में दूसरे वन्यजीवों के साथ ही भालुओं को भी खुलकर विचरण करने, पेड़ पर चढ़कर उछल-कूद करने और कभी-कभी जंगल के बाहर निकलकर घूमने का भरपूर अवसर मिल रहा है।
वर्ष 2013 से पहले तक पीलीभीत के जंगल में भालुओं की संख्या काफी कम हुआ करती थी। फील्ड कर्मचारियों को भी गश्त के दौरान भालू नहीं दिखाई देते थे। 2013 में जंगल के दूसरे वन्यजीवों के साथ ही भालुओं की गणना भी शासन के निर्देश पर कराई गई। उस समय जंगल के महोफ, माला, बराही, हरीपुर और दियोरिया रेंज में कुल 103 भालू पाए गए थे।
4 जूून 2014 को शासन ने जंगल को पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया, जिससे राष्ट्रीय पशु बाघ का संरक्षण और संवद्र्धन हो सके। पीलीभीत के जंगल बाघों के लिहाज से काफी प्रसिद्ध रहे हैं लेकिन यहां भालू का भी संरक्षण हो रहा है। वर्ष 2019 में जब पीटीआर की ओर से गणना कराई गई तो जंगल में भालुओं की संख्या बढ़कर 178 हो चुकी है। यहां का जंगल जैव विविधता से भरपूर होने के कारण ही दूसरे वन्यजीवों के साथ ही भालुओं की संख्या में भी अच्छी वृद्धि हो रही है।
फैक्ट फाइल
-जंगल का कुल क्षेत्रफल 73024.98 हेक्टेयर
-बाघ 65 से अधिक
-भालू 178
-चीतल-5104
-सांभर- 789
-जंगली सुअर-10391
-नीलगाय- 7479
-बारहसिंंघा-861
जंगल में जैव विविधिता भरपूर है। हर प्रकार के वन्यजीवों के लिए भोजन और पानी भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां बाघ, तेंदुआ और भालु की संख्या बढ़ रही है। सभी वन्यजीवों के संरक्षण एवं सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। -नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर पीलीभीत टाइगर रिजर्व