Move to Jagran APP

रुविवि : छात्रों को खेल के क्षेत्र में प्रतिभा दिखाने का मिलेगा मौका, विश्वविद्यालय बनाएगा खेल मैदान

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में क्रिकेट हॉकी और फुटबॉल के लिए अब खेल का नया मैदान बनाया जाएगा। अभी तक जो मैदान बना है उस पर कुछ समय पहले एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक बन चुका है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 02:12 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 02:12 PM (IST)
रुविवि : छात्रों को खेल के क्षेत्र में प्रतिभा दिखाने का मिलेगा मौका, विश्वविद्यालय बनाएगा खेल मैदान
विश्वविद्यालय के खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को दिया जाने वाला 300 रुपये का भत्ता भी बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है।

बरेली, जेएनएन।  महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल के लिए अब खेल का नया मैदान बनाया जाएगा। अभी तक जो मैदान बना है, उस पर कुछ समय पहले एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक बन चुका है। इसके अलावा इंटर यूनिवर्सिटी खेलने जाने वाले विश्वविद्यालय के खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को दिया जाने वाला प्रति दिन 300 रुपये का भत्ता भी बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में हुई क्रीड़ा परिषद की कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए।

loksabha election banner

आगामी वित्त समिति की बैठक में इसे रखकर पास कराया जाएगा। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थिति समिति कक्ष में हुई बैठक में कुलपति ने कहा कि परिसर से लेकर कॉलेजों तक खेल के लिए जो भी सुविधाओं की जरूरत होगी, विश्वविद्यालय उसे उपलब्ध कराएगा। कॉलेजों के खिलाड़ी यहां आकर अभ्यास भी कर सकेंगे। बैठक में परिषद के सचिव डॉ. आलोक श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, वित्त अधिकारी केके शंखवार के साथ राजकीय महाविद्यालय फरीदपुर के प्राचार्य इकबाल हबीब, वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. संध्या सक्सेना, राजकीय महाविद्यालय बीसलपुर के प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार, राजकीय महाविद्यालय बिसौली बदायूं के प्राचार्य डॉ. एपी सिंह भी मौजूद रहे।

 साई से मांगेंगे कोच

विश्वविद्यालय एथलेटिक्स एवं अन्य खेलों के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) से कोच की मदद मांगी जाएगी। यह भी तय किया गया कि जो भी कॉलेज खेल आयोजित कराएगा। उसका एक शिक्षक बतौर मैनेजर बनकर टीम लेकर जाता है। लेकिन कई बार ऐन वक्त पर मना कर देते हैं। अगर ऐसे किसी भी कॉलेज ने किया तो उसे दो साल तक कोई भी खेल आवंटित नहीं किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.