रूविवि : जिनका किया साक्षात्कार उनका नतीजा जारी करना भूल गया विश्वविद्यालय
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से करीब 100 गेस्ट फैकल्टी का चयन अटका हुआ है। पहले तो कोविड की वजह से इन अतिथि शिक्षकों का मामला अटका रहा। जैसे-तैसे नए कुलपति आए और उन्होंने आठ से 19 सितंबर तक इंटरव्यू भी करा दिए।
बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से करीब 100 गेस्ट फैकल्टी का चयन अटका हुआ है। पहले तो कोविड की वजह से इन अतिथि शिक्षकों का मामला अटका रहा। जैसे-तैसे नए कुलपति आए और उन्होंने आठ से 19 सितंबर तक इंटरव्यू भी करा दिए। लेकिन करीब दो महीने बीतने के बाद भी नतीजे नहीं जारी किए गए। नतीजा, इन शिक्षकों का भविष्य अधर में अटका है। स्थिति यह है कि ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो गई हैं। कई विभाग ने इनसे पढ़वाना भी शुरू कर दिया। लेकिन आधिकारिक आदेश न जारी होने से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सात फैकल्टी के अधीन करीब 24-25 विभाग संचालित हैं। इनमें करीब 118 स्थायी शिक्षकों की तैनाती है। बाकी 70 के आसपास गेस्ट फैकल्टी से कक्षाएं संचालित की जाती हैं। इन्हें प्रति लेक्चर के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। हर साल इनका कार्यकाल 31 मई तक पूरा होता है। नए सत्र के लिए जुलाई में इंटरव्यू और अगस्त से फिर से पढ़ाना शुरू करने की व्यवस्था है। लेकिन इस बार कोविड की वजह से नवीनीकरण अटक गया।
आठ सितंबर से शुरू हुए थे इंटरव्यू
नए कुलपति प्रो. केपी सिंह ने अगस्त में ज्वाइन करने के बाद सत्र 2020-21 के लिए आठ सितंबर से गेस्ट फैकल्टी के इंटरव्यू के आदेश दिए। 19 सितंबर तक सभी सात फैकल्टी के लिए इंटरव्यू करा लिए गए। लेकिन अब तक इन फैकल्टी की ज्वाइनिंग का कोई आदेश प्रशासनिक भवन से जारी नहीं किया गया है।
ज्वाइनिंग दी नहीं, परीक्षा करवा ली
दो महीने से कोई ज्वाइिनंग का आदेश नहीं जारी किया गया है। फिर भी इन फैकल्टी से एमबीए सहित कई विभागों में कक्षाएं संचालित करवाई जा रही हैं। बीते माह हुई मुख्य परीक्षाओं में भी इन्हीं की ड्यूटी लगाई गई। लेकिन वेतन अब तक नहीं दिया गया। ऐसे में असमंजस की स्थिति में है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा।