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सर्राफ हत्याकांड के राजफाश की जिम्मेदारी ट्रेनी आइपीएस को, दस महीने में पुलिस नहीं कर सकी खुलासा

अनसुलझे सर्राफ हत्याकांड की जांच अब नए सिरे से होगी। थाना पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच तक की टीम हत्याकांड में उलझकर रह गई। हत्याकांड के दस माह बीत जाने के बाद भी राजफाश न हुआ तो अब ट्रेनी आइपीएस को हत्याकांड के खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 07:55 AM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 07:55 AM (IST)
सर्राफ हत्याकांड के राजफाश की जिम्मेदारी ट्रेनी आइपीएस को, दस महीने में पुलिस नहीं कर सकी खुलासा
डीआइजी राजेश कुमार पांडेय ने सीओ सेकेंड साद मियां खान को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है।

बरेली, जेएनएन। अनसुलझे सर्राफ हत्याकांड की जांच अब नए सिरे से होगी। थाना पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच तक की टीम हत्याकांड में उलझकर रह गई। हत्याकांड के दस माह बीत जाने के बाद भी अब तक मामले का राजफाश न हुआ तो अब ट्रेनी आइपीएस को हत्याकांड के खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीआइजी राजेश कुमार पांडेय ने सीओ सेकेंड साद मियां खान को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है। छह फरवरी को सुभाषनगर के गणेशनगर के रहने वाले सर्राफ कमल किशोर वर्मा की रात में उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह दुकान बंद करने की तैयारी कर रहे थे। मुंह ढक कर आए बाइक सवार दो बदमाशों ने घटना काे अंजाम दिया था। सर्राफ की हत्या के बाद दोनों सर्राफ जेवरात से भरी गठरी भी लूटकर भाग गए थे। घटना के बाद तत्कालीन एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, डीआइजी राजेश कुमार पांडेय, एडीजी अविनाश चंद्र ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। हत्याकांड के राजफाश के लिए चार टीमें गठित की गई थी। सीसीटीवी में पूरा घटनाक्रम भी कैद हुआ था। जांच में टीमें जुटी रहीं लेकिन, घटना का आज-तक राजफाश नहीं हो पाया। घटना के बाद मृतक के पिता ओमकार वर्मा ने किसी से भी रंजिश की बात से इन्कार किया था।

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हत्या के लिए बदमाशों ने की थी रेकी

सर्राफ की हत्या के लिए बदमाशों ने पूरी रेकी की थी। अंदाजा लगा सकते है कि जिस वक्त सर्राफ की हत्या की गई थी। उस वक्त आस-पास की दुकानें बंद हो चुकी थी। लिहाजा, बदमाशों ने पूरी तसल्ली के साथ घटना को अंजाम दिया था।

दो जोन की एसओजी की भी ली जा रही मदद

हत्याकांड के राजफाश के लिए अब दो जोन की एसओजी टीम की मदद ली जा रही है। बरेली के साथ-साथ मेरठ की एसओजी टीम को घटना का पूरा वीडियो उपलब्ध कराया गया है।

वीडियो फुटेज से तैयार कराई जा रही फोटो

वीडियो फुटेज से फोटो तैयार कराए जा रहे हैं। बदमाश पूरा मुंह ढककर आए थे, लिहाजा बदमाशों की पहचान के लिए फोटोशाप का सहारा लिया जा रहा है। उनके चेहरे से नकाब हटाने की कोशिश भी की जा रही है। जिससे आरोपितों के चेहरे पहचान में आ सके।

डीआइजी क्या कहते हैं

डीआइजी राजेश पांडेय का कहना है कि हत्याकांड के राजफाश के लिए ट्रेनी आईपीएस साद मियां खां को नए सिरे से काम करने के लिए कहा गया है। वह मामले की जांच में जुटे हुए हैं।


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