सुरक्षित सफर का एक ही सूत्र, यम से बचाएंगे यातायात के नियम
यातायात को लेकर नियम तो बना दिए गए, लेकिन हादसों में कमी नहीं आ रही।
बरेली, जेएनएन : यातायात को लेकर नियम तो बना दिए गए, लेकिन हादसों में कमी नहीं आ रही। वजह, नियम महज दस्तावेजों, सरकारी महकमों की दीवार और बोर्ड पर ही चस्पा रह गए। कुछ तकनीकी साइन छोड़ दें तो शहरवासियों को यातायात संबंधी बेसिक नियम अच्छे से मालूम हैं, लेकिन इनका पालन करना तौहीन समझते हैं। लाइसेंस धारक भी वाहनों की तुलना में खासा कम हैं। चूंकि नई दिल्ली और एनसीआर में हमारे शहर के ही लोग जाकर ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं ऐसे में साफ है कि खराब ट्रैफिकिंग में शहर की यातायात पुलिस, सिविल पुलिस और परिवहन विभाग कहीं न कहीं लापरवाही बरत रहे हैं।
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इसलिये जरूरी ड्राइविंग लाइसेंस
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बिना लाइसेंस वाहन चलाना और यातायात नियमों के उल्लंघन अपराध है। लाइसेंस होने पर वाहन का जुर्माना मौके पर ही अदा हो सकता है। चालान के लिए संबंधित सीओ या कोर्ट जाना पड़ता है। वाहन सीज होने की दशा में कोर्ट से ही छूटता है। वहीं, किसी हादसे में लाइसेंस न होने पर मोटर व्हीकल एक्ट की जगह आइपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज होता है। जिसमें ज्यादा कठोर सजा का प्रावधान है। किसी की मौत होने पर उम्रकैद तक हो सकती है।
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यूं मिलता वाहन चलाने का अधिकार
परिवहन विभाग की ओर से लर्निंग और परमानेंट ड्राइ¨वग लाइसेंस बनाए जाते हैं। दलाली और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इसके ऑनलाइन आवेदन होते हैं। लर्निंग लाइसेंस की तय फीस 350 रुपये देने पर परिवहन विभाग के दफ्तर में ऑटो जनरेटेड तारीख पर ऑनलाइन टेस्ट होता है। पंद्रह वैकल्पिक सवालों में नौ का सही जवाब देने पर चालक लर्निग टेस्ट योग्य बनता है। फेल होने पर 50 रुपये अतिरिक्त फीस जमा कर दूसरी तारीख तय होती है। परमानेंट लाइसेंस की फीस एक हजार रुपये है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट नगर में वाहन चलवाते हैं। ज्यादा पारदर्शिता के लिए परसाखेड़ा स्थित ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में जल्द सीसीटीवी कैमरे और सेंसर के बीच ड्राइविंग टेस्ट शुरू होंगे। स्थायी लाइसेंस के लिए दोबारा टेस्ट देने पर तीन सौ रुपये देने होते हैं।
स्मार्ट कार्ड वाले लाइसेंस शुरू होने से अब डिजिटल सिग्नेचर, बायोमीट्रिक सिस्टम और स्कैन फोटो लाइसेंस पर मिलती है। इसका सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन ही मालूम चल जाता है। ---------------------- आंकड़ों में पंजीकृत वाहन
- दोपहिया वाहन : 5,85,244
- मैजिक व जीप : 13854
- थ्री व्हीलर : 7284
- ट्रक व मल्टी एक्सेल : 9254
- बस : 1444
- कार : 68,285
- ट्रैक्टर : 56,965
- टैक्सी : 3678
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लाइसेंस की स्थिति
- मोटरसाइकिल और कार : 1,75,652
- केवल मोटर साइकिल : 54,670
- केवल कार : 7532
- बिना गियर वाहन : 2486
- अन्य : 4456
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इनका रखें ध्यान
- शहर के अंदर और हाइवे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार ध्यान में रखें।
- शहर के अंदर तेज वाहन चलाने का ज्यादा लाभ नहीं। बार-बार स्पीड बदलने से बाइक पर ज्यादा फंक्शनिंग करनी होती है।
- तेज गति के दौरान जरा सी चूक से ही हादसे होते हैं। --------------
नहीं आएगी झपकी
- लंबे रास्तों पर कम से कम दो लोग सफर करें, जिससे आलस न आए।
- आलस आने पर जबरन वाहन न चलाएं।
- पार्किग इंडीकेटर ऑन कर वाहन सड़क किनारे रोकें।
- आंखों पर पानी डालकर थोड़ी देर चहलकदमी करें।
- धीमी आवाज में गाना गुनगुनाएं व सहकर्मी से बात करें।
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यह है प्रावधान
- 46 तरह की धाराओं में पुलिस और परिवहन विभाग करता है चालान।
- 100 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक लगता है जुर्माना।
- जितनी कमियां पायी जाती हैं उतनी धाराओं में लगता है जुर्माना।
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वर्जन :
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए निरंतर अभियान चल रहे हैं। उपलब्ध संसाधनों में हम पूरा प्रयास करते हैं कि लोग सुरक्षित तरह से वाहन चलाएं और यातायात नियमों का पालन करें। जो इसका उल्लंघन करते हैं, उन पर कार्रवाई होती है।
- सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक, बरेली