आज पीएसी का सामना करेंगे रुविवि के अधिकारी
विधानसभा की पब्लिक एकाउंट कमेटी (पीएसी) सोमवार को एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के बेहिसाब खर्चो का हिसाब लेगी।
जागरण संवाददाता, बरेली : विधानसभा की पब्लिक एकाउंट कमेटी (पीएसी) सोमवार को एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के बेहिसाब खर्चो का हिसाब लेगी। बताया जाता है कि कुलपति और वित्तीय अधिकारी पीएसी के सामने उपस्थित होंगे। ऑडिट की आपत्तियों को लेकर वे पीएसी के सवालों का सामना भी करेंगे।
रुविवि में शैक्षिक सत्र 2012-13 में वित्तीय अनियमितता की जांच पीएसी के पास पहुंची है। पीएसी विवि के ऑडिट की समीक्षा करेगी। विवि के एक अधिकारी बताते हैं कि शैक्षिक सत्र 2012-13 की परीक्षा कराने के लिए कॉलेजों को एडवांस भुगतान किया गया था। पर बकाया धन की रिकवरी का ऑडिट में जिक्र नहीं किया गया। इसके अलावा कर्मचारियों के चयन, वेतन और अन्य देय को लेकर भी ऑडिट में आपत्तियां लगी थीं। ऐसे करीब 19 बिंदुओं पर आपत्तियां हैं। पीएसी ने सोमवार को ऑडिट की तिथि तय की है। गत दिनों शासन ने कुलसचिव और वित्त अधिकारी को लखनऊ तलब कर ऑडिट के संबंध में जानकारी ली थी और कुछ दिशा निर्देश भी दिए थे। शासन की सख्ती और पीएसी का सामना करने को लेकर अफसरों में बेचैनी है। इसीलिए विवि महीनों से दोबारा ऑडिट करा रही है। बताते हैं कि विवि ने पिछले पांच साल के आय-व्यय का ऑडिट कराया है। ताकि पीएसी अगर इस अंतराल के खर्च से जुड़ा कोई सवाल उठाए तो रिपोर्ट सौंपी जा सके।
फर्जी नियुक्ति का खुल चुका राज
विवि के एनएसएस विभाग में एक कर्मचारी मानदेय पर रखा गया था। जबकि उस पद पर नियमित कर्मचारी पहले से था। अधिकारियों ने सांठगांठ कर फर्जी नियुक्ति कर ली। मानदेय भी भुगतान किया जाता रहा। अब यह मामला भी ऑडिट में फंसा है। जबकि कर्मचारी मानदेय लेकर फरार हो गया। एजेंसियों का बहा रहे बजट
विवि को शिक्षा में सुधार के लिए सरकारी एजेंसियों से 20 करोड़ से ज्यादा का फंड मिला है। पर अधिकारी इसे भी संसाधन जुटाने, रिसर्च, लैब, लाइब्रेरी डेवलप करने के बजाय कार्यक्रमों में खपाने में जुटे हैं।