पीड़िताओं को राज्यसभा से तलाक बिल पास होने की आस
धर्म और समाज से परे जाकर तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान और फरहत नकवी को राज्यसभा में बिल पास होने की उम्मीद है।
By Edited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 01:01 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 02:05 PM (IST)
बरेली, जेएनएन : तलाक पीड़िताओं ने धर्म और समाज से परे जाकर अपने हक की आवाज उठाई। लोकसभा में बिल पास हुआ तो उन्होंने ढोल नगाड़े के साथ जश्न मनाया। उम्मीद है कि राज्यसभा के सदस्य, महिलाओं की इस खुशी को बरकरार रखेंगे और तलाक पर रोक का बिल पास करेंगे। बरेली से तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वालीं निदा खान और फरहत नकवी राज्यसभा से यह उम्मीद जताती हैं। गत दिनों लोकसभा से एक बार में तीन तलाक पर रोक का बिल पास हुआ तो मेरा हक फाउंडेशन के कार्यालय पर महिलाओं ने जश्न मनाया। फरहत नकवी कहती हैं कि यह संघर्ष और खुशी व्यर्थ नहीं जाएगी। बिल पास न होने की सूरत में तलाक पीड़िताएं आहत होंगी। वहीं, आला हजरत खानदान की पूर्व बहू रहीं और आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान कहती हैं कि तलाक पर रोक का बिल पास होना जरूरी है। इसके लिए तलाक पीडि़ताओं ने लंबा संघर्ष किया। समाजिक बहिष्कार सहा। ससुराल और परिवार दोनों का विरोध झेला। बिल के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका दुरुपयोग न भी न हो। बिल महिलाओं के हक, सुरक्षा के नजरिये से पास किया जाए। तलाक पीड़िता शबीना का कहना है कि बेशक हमारे यहां तलाक की घटनाएं कम हैं। मगर एक भी महिला के साथ नाइंसाफी होती है, तो यह समाज की जिम्मेदारी है, वो इसे रोके। हमारा मानना है कि सजा के प्रावधान से लोगों में इसका भय रहेगा। तलाक की घटनाएं रुकेंगी।
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