भाई निकला हत्यारा, साढ़े नौ बीघा जमीन के लिए मारा था
-अलीगंज के गांव खटेटा में 26 जुलाई को चाकू, खुरपी से वार कर की गई थी हत्या -भाई को ख
जागरण संवाददाता, बरेली : अलीगंज के गांव खटेटा में 26 जुलाई को हुई किसान चंद्रपाल की हत्या उसके ही सगे भाई ने भाड़े के तीन हत्यारों के साथ मिलकर की थी। आरोपी भाई सोमपाल साढ़े नौ बीघा जमीन के लिए छोटे भाई से रंजिश मानता था। अलीगंज पुलिस ने बुधवार रात हत्या के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य अभियुक्त सोमपाल फरार है।
चंद्रपाल सिरौली के गांव गुलड़िया का रहने वाला था। 26 जुलाई की रात में पड़ोस के खटेटा गांव में नेतराम के खेत में उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। एसपी देहात डॉ. ख्याति गर्ग ने बताया कि खेत मालिक नेतराम और चंद्रपाल परिचित है। शक के आधार पर नेतराम से कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गया। पूछताछ में हत्या की कड़ियां चंद्रपाल के भाई सोमपाल तक पहुंचीं।
भाई की जमीन हड़प करना चाहता था सोमपाल
पुलिस के मुताबिक चंद्रपाल और सोमपाल तीन भाई थे। इनमें से सबसे बड़े भाई सुखदेव और उनकी पत्नी नत्थो देवी की कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है। उनके निधन के बाद बच्चों की परवरिश चंद्रपाल कर रहा था और भाई के हिस्से की लगभग साढ़े नौ बीघा जमीन की देखभाल भी वही करता था। इस जमीन को लेकर सोमपाल अक्सर छोटे भाई से झगड़ा करता था और आधा हिस्सा अपने नाम कराने की मांग करता था।
पहले शराब पिलाई फिर मार डाला
जमीन अपने कब्जे में करने को सोमपाल ने पड़ोसी गांव खटेटा के नेतराम के साथ मिलकर चंद्रपाल की हत्या की साजिश रची। खटेटा निवासी मजदूर खुशीराम को चंद्रपाल को नेतराम के खेत तक लाने की 50 हजार रुपये की सुपारी दी गई। 26 जुलाई को सोमपाल अपने भाई को बहाने से सिरौली के बड़ा गांव में देशी शराब के ठेके पर ले गया और शराब पी, फिर खुद मजदूरी के लिए हिमाचल जाने का बहाना कर वहां से चला गया। इसके बाद खुशीराम ने चंद्रपाल के साथ गांजा का नशा किया और उसे नेतराम के खेत में ले गया। वहां नेतराम, सोमपाल और खटेटा गांव का ही दीनदयाल पहले से मौजूद था। चारों ने दरांती और खुरपी से हमला कर चंद्रपाल को मार डाला और भाग निकले।
गुमराह करने के लिए बेटी को भेज दिया हिमाचल
अलीगंज एसओ धर्मेद्र कुमार के मुताबिक, सोमपाल ने पुलिस और परिजनों को गुमराह करने को हत्या वाली रात ही ऊना-हिमाचल ट्रेन से दो टिकट कराए, लेकिन खुद जाने की बजाय बेटी को अपना मोबाइल देकर ऊना भेज दिया। हत्या करके खुद भी दूसरी ट्रेन से हिमाचल पहुंच गया। नेतराम से पूछताछ में खुशीराम, दीनदयाल के साथ ही सोमपाल का नाम भी सामने आया, लेकिन उसके मोबाइल की उस दिन की लोकेशन हिमाचल में मिल रही थी। वह भाई की हत्या की सूचना पर गांव पहुंचने का नाटक करता रहा। खुद के घिरने पर सोमपाल दो दिन से फरार है। पुलिस ने नेतराम, खुशीराम और दीनदयाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।