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सेटेलाइट समेत तीन जगह बनेगा फुटओवर ब्रिज

शहर के विकास में पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप) मॉडल को जोड़ने की तैयारी नगर निगम कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 11:32 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 02:51 AM (IST)
सेटेलाइट समेत तीन जगह बनेगा फुटओवर ब्रिज
सेटेलाइट समेत तीन जगह बनेगा फुटओवर ब्रिज

जागरण संवाददाता, बरेली : शहर के विकास में पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप) मॉडल को जोड़ने की तैयारी नगर निगम कर रहा है। अहमदाबाद से लौटे महापौर ने वहीं की तर्ज पर शहर के सुनियोजित विकास की योजना बनाई है। उन्होंने जनसुविधाओं समेत सभी बड़े कार्य पीपीपी मॉडल पर कराए जाने का मन बनाया है। इसके क्रम में सबसे पहले सेटेलाइट चौराहे पर दो फुटओवर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव बनाने को नगर आयुक्त से कहा है। नगर निगम जल्द कंपनियों से ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित करेगा।

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विकलांगों के लिए बनेगी लिफ्ट

सेटेलाइट चौराहे पर दो फुटओवर ब्रिज बनाने की तैयारी नगर निगम कर रहा है। एक फुटओवर ब्रिज बस स्टैंड से पीलीभीत रोड की ओर और दूसरा बस स्टैंड से शहामतगंज रोड की ओर बनाया जाएगा। खास बात यह है कि इसमें विकलांगों के लिए दोनों ओर लिफ्ट भी लगाई जाएगी। विकलांगों को व्हील चेयर पर आसानी से पुल से ले जाया जा सकेगा। तीसरा फुटओवर ब्रिज चौपुला चौराहे के पास अयूब खां रोड पर बनाने की योजना है।

कंपनियां कर सकेंगी विज्ञापन

पीपीपी मॉडल के तहत बाहर से कंपनियों को फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसको बनाने के बदले कंपनी पुल पर विज्ञापन लगाकर व शुल्क वसूल सकेगी।

सड़क, डिवाइडर व पार्क भी बनेंगे

महापौर ने शहर की प्रमुख सड़कों के निर्माण, डिवाइडर निर्माण और पार्को में सुंदरीकरण का काम भी पीपीपी मॉडल में दिए जाने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में भी कंपनियों ने सड़क को लिया हुआ है। उसकी देखभाल भी कंपनी करती है। यही व्यवस्था यहा लागू की जाएगी। सड़क के अलावा डिवाइडर व पार्को के सुंदरीकरण का काम भी पीपीपी मॉडल में कराया जाएगा। मल्टीलेवल पार्किग का काम भी पीपीपी मॉडल में कराया जाएगा। वर्जन

शहर में तमाम कार्य पीपीपी मॉडल में कराने की तैयारी है। जल्द ही तीन फुटओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। इनमें विकलांगों के लिए लिफ्ट भी लगाई जाएगी।

डॉ. उमेश गौतम, महापौर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। जिस कंपनी का प्रस्ताव सबसे अच्छा होगा, उस पर ही विचार किया जाएगा। उसके बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।

आरके श्रीवास्तव, नगर आयुक्त


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