पीडब्ल्यूडी की इस नई तकनीक से प्रति किमी पर बीस फीसद कम हो जाएगी सड़क निर्माण लागत
लोक निर्माण विभाग ने कम लागत में मजबूत सड़क बनाने का फार्मूला लागू कर दिया है। ग्रामीण सड़कों पर नई तकनीक का इस्तेमाल कर विभाग ने हर किलोमीटर पर बीस फीसद लागत घटा ली है।
बरेली, अशोक आर्य : लोक निर्माण विभाग ने कम लागत में मजबूत सड़क बनाने का फार्मूला लागू कर दिया है। ग्रामीण सड़कों पर नई तकनीक का इस्तेमाल कर विभाग ने हर किलोमीटर पर बीस फीसद लागत घटा ली है। पूरे मंडल में ग्रामीण सड़कों का निर्माण इसी तकनीक से शुरू हो गया है।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता वीके सिंह ने कुछ दिन पहले ग्रामीण सड़कों के निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे। ग्रामीण क्षेत्र में बनने वाली सड़कों की चौड़ाई करीब 3.75 मीटर होती है। अब तक इन सड़कों का निर्माण के लिए तीन परत में पत्थर बिछाया जाता था। सबसे नीचे 12.5 सेंटीमीटर की ग्रेनुलर सब बेस (जीएसबी), उसके ऊपर 7.5 सेंटीमीटर की दो परतें वाटर बॉड मैकेडम (डब्ल्यूबीएम) की डालते थे। इसकी मोटाई करीब 27.5 सेंटीमीटर हो जाती थी, जिसमें काफी पत्थर लगता था। तीन परत पत्थर के बाद ऊपर से प्री-मिक्स कारपेट बिछा दी जाती थी। नई तकनीक में सिर्फ दो परतें डाली जाएंगी जिसकी मोटाई 20 सेंटीमीटर होगी। नीचे की 10 सेमी परत में दो फीसद और ऊपर की परत में चार फीसद सीमेंट का इस्तेमाल पत्थर के साथ किया जाएगा। फिर उसके ऊपर दो सेंटीमीटर की प्री-मिक्स कारपेट डाली जाएगी।
पहले से अधिक मजबूत बनेगी सड़क
सड़क में तीन परत के स्थान पर दो परत डालने से बीस सेंटीमीटर मोटाई रहने और उसमें सीमेंट मिलाने के कारण पत्थर काफी कम इस्तेमाल होगा। इसके साथ ही सीमेंट के कारण पत्थर आपस में ज्यादा मजबूती से चिपके रहेंगे। इससे सड़क पहले की अपेक्षा काफी मजबूत होगी। सड़क जल्दी खराब भी नहीं होगी। इससे बीस फीसद तक लागत कम होगी।
मंडल में शुरू हुआ नई तकनीकि से सड़क निर्माण
मुख्य अभियंता राकेश राजवंशी ने बताया कि मंडल में नई तकनीक से ग्रामीण सड़कों का निर्माण शुरू करा दिया गया है। नई तकनीक से बनने वाली सड़कें अधिक मजबूत होंगी साथ ही इनकी लागत भी कम होगी।
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