राजस्व रिकार्ड में नदी नहीं है लेकिन जमीन पर बहती मिली
किला नदी के डूब क्षेत्र में हुए अवैध कब्जों को वैध करने के लिए भूमाफिया की घुसपैठ तहसील के रिकार्ड रूम तक हो गई।
बरेली, जेएनएन : किला नदी के डूब क्षेत्र में हुए अवैध कब्जों को वैध करने के लिए भूमाफिया की घुसपैठ तहसील के रिकार्ड रूम तक हो गई। राजस्व अभिलेखों से मौके पर मिलान करने पर पाया गया कि रिकार्ड में नदी का बहना दर्ज नहीं था। लेकिन मौके पर किला नदी बहती मिली। ऐसे में गोपनीय जांच शुरू हो गई है।
पिछले पंद्रह दिन से नदी की पैमाइश चल रही है। इसमें गांव वाकरनगर, सुंदरासी, महलऊ, मैदापुर, सनौआ, विधोलिया, महेशपुरा, अटरिया, रहपुरा चौधरी, मठलक्ष्मीपुर, मठकमल नैनपुर, सुखा छावनी में अतिक्रमण नहीं मिला है। लेकिन यहां नगर निगम को स्थाई अतिकमण के मद्देनजर निगरानी बनाए रखने के लिए कहा गया है।
गांव गोविदापुर, सैदपुर हाकिस, स्वालेनगर नवदिया में अस्थाई और स्थाई दोनों तरह का अतिक्रमण पाया गया। यहां राजस्व अभिलेखों में नदी नजर हीं नहीं आ रही थी, जबकि मौके पर नदी बहती हुई मिली। यह चौंकाने वाली बात सामने आने के बाद मौके की पैमाइश पर गोविदापुर में 0.176 हेक्टेयर क्षेत्र में 0.100 हेक्टेयर क्षेत्र पर अतिक्रमण मिला। जिसके लिए आशिक रजा खां का नाम सामने आई। यहां जमीन पर कब्जा करके अमरूद का बाग लगवा दिया गया।
सैदपुर हाकिस में तीन जगह पर अस्थाई और स्थाई अतिक्रमण मिला। 0.053 हेक्टेयर में तीन मकान बनाए गए है। 0.013 हेक्टेयर में बाउंड्रीवॉल हुई है। इसके अतिरिक्त 0.240 हेक्टेयर में कृषि कार्य कराए जा रहे हैं। स्वालेनगर में 0.005 हेक्टेयर क्षेत्र में किसी अज्ञात व्यक्ति ने पन्नी डाली हुई है। जसोली में भी कृषि कार्य होता हुआ मिला है। जसोली चुंगी में पक्के मकानों का निर्माण हो गया है। इन सभी निर्माणों को हटाने के लिए सदर तहसीलदार की तरफ से संस्तुति रिपोर्ट एसडीएम सदर को सौंपी गई है। डीएम नितीश कुमार के निर्देश के बाद नगर निगम अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाएगा।