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Jagran Live: ऐतिहासिक फैसले का इस्तकबाल कर शहर के लोगों ने दिया अमन का पैगाम Bareilly News

यह बरेली है यहां सब शांति है। लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त हैं। रविवार को अयोध्या पर आए फैसले का दूसरा दिन था छुट्टी के चलते सुबह शहर की कई सड़कों पर सन्नाटा था।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 01:47 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 01:47 PM (IST)
Jagran Live: ऐतिहासिक फैसले का इस्तकबाल कर शहर के लोगों ने दिया अमन का पैगाम Bareilly News
Jagran Live: ऐतिहासिक फैसले का इस्तकबाल कर शहर के लोगों ने दिया अमन का पैगाम Bareilly News

जेएनएन, बरेली : यह बरेली है, यहां सब शांति है। लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त हैं। रविवार को अयोध्या पर आए फैसले का दूसरा दिन था, छुट्टी के चलते सुबह शहर की कई सड़कों पर सन्नाटा था। कई इलाकों में बारावफात की तैयारियां हो रहीं थीं। इन क्षेत्रों बाजार भी खुले थे और लोग खरीदारी करने निकले। चर्चा के दौरान लोग अयोध्या पर आए फैसले का इस्तकबाल करते हुए अमन का पैगाम देते नजर आए।

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सुबह 11:30 - मुहल्ला सैलानी

चौकी चौराहा के सन्नाटे से निकलते हुए अय्यूब खां चौराहा होते हुए सैलानी पहुंची। यहां बाजार खुले मिले, महिलाएं खरीदारी कर रहीं थी। लोगों अपने अपने काम से निकल रहे थे। यहां मुन्ना की चाय की दुकान पर मुहल्ले के कई लोग अलग अलग गुट में खड़े थे। सभी से अलग अलग बात की तो एक ही बात सामने आई कोई परेशानी नहीं, सब ठीक है। फैसला अच्छा आया है। यहां खड़े युवा ओवेश, नाजिम और मो. साहिल ने कहा कि इस फैसले के साथ ही राजनीति के एक मुद्दे का भी अंत हुआ है।

दोपहर 12.30 - बानखाना

सैलानी से निकले तो ईंट पजाया, बारादरी थाने, प्रेमनगर होते हुए बानखाना पहुंचे। रास्ते में सारे बाजार खुले थे और लोग रोज की तरह ही व्यस्त थे। बानखाना में बारावफात को लेकर बाजार सजा हुआ था। बच्चे खेल रहे थे और जुलूस की तैयारियां हो रही थीं। वहीं सामने पार्षद शमीम अहमद के साथ परवेज खान, समीर, बंटी, तस्लीम, महताब और इरशाद चर्चा में व्यस्त थे। यहां मस्जिद खुदाबख्श के मुतवल्ली राशिद खान ने कहाकि पुलिस दो दिनों से लगातार गश्त कर रही है। माहौल सामान्य है।

दोपहर एक बजे - कोहाड़ापीर

बानखाने से कोहाड़ापीर की ओर जाते समय रास्ते में कुछ दुकानें खुली थीं तो कुछ बंद थीं। कोहाड़ापीर पहुंचे तो यहां रोज की अपेक्षा भीड़ कम थी, लेकिन सब सामान्य था। यहां एक दुकान में विजय कुमार, संजय अग्रवाल और अफसर खां बैठे थे। बातों में अयोध्या मसला था और सभी इसे सटीक फैसला बता रहे थे। बात की तो बोले हम सब सद्भाव से रह रहे हैं कोई परेशानी नहीं है। सब कुछ सामान्य ही चल रहा है। इस शहर के लोग समझदार हैं, सौहार्द और एकता बरकरार रखेंगे।

दोपहर 1.45 बजे - मुहल्ला गढ़ैया

कोहाड़ापीर से गलियों के रास्ते हम गढ़ैया की ओर बढ़े। रास्ते में लोग आवागमन कर रहे थे, कुछ लोग घरों के बाहर बैठे थे तो कुछ दुकानों रेहड़ी पर बतिया रहे थे। गढ़ैया पहुंचे तो यहां नकवी आवास के पास कुछ महिलाएं बातचीत कर रहीं थीं। आपस में बहनों की तरह बतिया रहीं इनमें हंिदूू व मुस्लिम दोनों समुदाय की महिलाएं शामिल थीं। हमने चर्चा की तो बोलीं अयोध्या के फैसले पर ही बात कर रहीं हैं। बताया कि हम सब आमने सामने रहते हैं। एक दूसरे के सुख दुख में शामिल रहते हैं। यहां मौजूद माहिरा नकवी, मंजू रस्तोगी, गुड़िया, खुर्शीद बेगम, आशा, मीरा रस्तोगी, दिव्या और अनीता ने बताया कि हमारी एकता, अखंडता में कभी कोई कमी नहीं आएगी।

दोपहर दो बजे - मलूकपुर 

गढ़ैया से गलियों के रास्ते ही मलूकपुर पहुंचे। यहां दरगाह आला हजरत और हजरत मासूक उल्ला साहब की दरगाह दोनों ओर से लोगों का आना जाना था। मलूकपुर चौकी पर दारोगा और सिपाही भी बैठे थे। सब कुछ सामान्य और रोजमर्रा की तरह ही चल रहा था। यहां वसीम रजा और प्रिंस ने बताया कि फैसला तहे दिल से स्वीकार है और यहां अमन चैन बरकरार है। यहां से बिहारीपुर चौकी होते हुए सुभाष नगर पहुंचे। रास्ते में बाजार खुला मिला, लोग अपने घरों के बाहर रोज की तरह ही बैठे थे। सुभाष नगर में थाने के आगे तक तो सन्नाटा ही था। थोड़ा आगे चले तो चहल पहल मिली। अंडर ग्राउंड से होते हुए पंचनंदा मार्केट पहुंचे। वहां बाजार में रौनक दिखी।


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