Move to Jagran APP

विदेश में 'ओमिक्रोन' का कहर, यहां म्यूटेशन से अनजान शहर

तमाम उतार-चढ़ाव के बाद एक बार फिर कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन सक्रिय है। दक्षिण अफ्रीका में वायरस के इस नए वैरिएंट ने दहशत मचा रखी है। अपना शहर इससे बिल्कुल अनजान है। आमजन को छोड़िए यहां कोरोना के म्यूटेशन के बारे में चिकित्सकों को भी ज्यादा जानकारी नहीं है। इसका कारण यह रहा कि बीते दिनों कोरोना संदिग्धों के सैंपलों की जांच ही नहीं हुई। तमाम सैंपल बर्बाद कर दिए गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 08:30 PM (IST)
विदेश में 'ओमिक्रोन' का कहर, यहां म्यूटेशन से अनजान शहर
विदेश में 'ओमिक्रोन' का कहर, यहां म्यूटेशन से अनजान शहर

जागरण संवाददाता, बरेली: तमाम उतार-चढ़ाव के बाद एक बार फिर कोरोना का नया वैरिएंट 'ओमिक्रोन' सक्रिय है। दक्षिण अफ्रीका में वायरस के इस नए वैरिएंट ने दहशत मचा रखी है। अपना शहर इससे बिल्कुल अनजान है। आमजन को छोड़िए, यहां कोरोना के म्यूटेशन के बारे में चिकित्सकों को भी ज्यादा जानकारी नहीं है। इसका कारण यह रहा कि बीते दिनों कोरोना संदिग्धों के सैंपलों की जांच ही नहीं हुई। तमाम सैंपल बर्बाद कर दिए गए। यदि उनकी जांच हुई होती तो पता चलता कि वायरस में किस तरह म्यूटेशन हो रहा है तथा वर्तमान में कौन सा वैरिएंट सक्रिय है? चार माह पहले स्वास्थ्य विभाग के पास जो रिपोर्ट आई थी, उसमें कोरोना के पुराने वैरिएंट की ही पुष्टि हुई थी। अब विदेशों में कोरोना का नया वैरिएंट आने से शहरवासी भी चितित हैं।

loksabha election banner

सैंपल जांच के लिए लैब नहीं भेजे जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की राय अलग-अलग है। विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है कि शहर में इस समय कौन सा वैरिएंट प्रभावी है। हालांकि सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और निगम की ओर से कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दवाओं से लेकर पीपीई किट की खरीदारी के लिए कार्ययोजना बनने लगी है। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों में नए वैरिएंट 'ओमिक्रोन' को लेकर बहस शुरू हो चुकी है। इससे निपटने के लिए चिकित्सक भी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

सैंपल के डिब्बे खाली तो ताला क्यों लगाया?

दो दिन पहले 300 बेड कोविड अस्पताल की तीसरी मंजिल पर एक तालाबंद कमरे में कोविड सैंपल के दर्जनों डिब्बे रखे मिले थे। इन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाना था। हालांकि जब मामले ने तूल पकड़ा तो रात में अधिकारियों ने ताला तोड़कर सैंपल चेक किए और बताया कि 76 डिब्बे खाली थे। वहीं विभाग के ही दूसरे अधिकारी इस बात पर यकीन नहीं कर रहे, क्योंकि यदि खाली डिब्बे होंगे तो कमरे में ताला क्यों लगाया जाएगा?

जांच के लिए नहीं भेजा महिला का सैंपल

तिरुपति कालोनी निवासी महिला ने कोविड जांच के लिए सैंपल दिए थे, लेकिन हेल्थ विभाग की ओर से उसे जांच के लिए नहीं भेजा गया। इसका खुलासा 18 नवंबर को तब हुआ, जब महिला अपनी रिपोर्ट लेने अस्पताल पहुंची। पता चला कि उसका सैंपल जांच के लिए भेजा ही नहीं गया।

वर्जन

सैंपल खराब होने के मामले में दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट आते ही लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डा. हरपाल सिह, एसीएमओ प्रशासन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.