बरेली के बाकरगंज में उतरा बाढ़ का पानी, खुले जिदगी के रास्ते
किला नदी के कारण बाकरगंज में आया बाढ़ का पानी अब उतर रहा है। रविवार को वहां राघव ढोलियापुर के पुल से भी पानी निकल गया। इसके बाद 30 गांवों के लोगों का रास्ता खुल गया है। वही घरों के आसपास कुछ जलभराव और कीचड़ फिलहाल बना हुआ है। वहां प्रशासन ने रविवार को भी लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया।
जागरण संवाददाता, बरेली: किला नदी के कारण बाकरगंज में आया बाढ़ का पानी अब उतर रहा है। रविवार को वहां राघव ढोलियापुर के पुल से भी पानी निकल गया। इसके बाद 30 गांवों के लोगों का रास्ता खुल गया है। वही, घरों के आसपास कुछ जलभराव और कीचड़ फिलहाल बना हुआ है। वहां प्रशासन ने रविवार को भी लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया।
रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तीन दिन पहले किला नदी भी उफना गई थी। बाढ़ का पानी बाकरगंज और आसपास के क्षेत्रों में भर गया था। बाकरगंज पुलिस चौकी के आगे राघव ढोलियापुर पुल पर पानी भरने के कारण वहां से 30 गांवों का रास्ता बंद हो गया था। प्रशासन ने वहां नाव का इंतजाम किया और एक गोताखोर भी वहां लगाया। जहां पानी भरा था, वहां रहने वाले लोगों के लिए राहत पैकेट का भी इंतजाम किया। सदर तहसील में कम्युनिटी किचन भी शुरू कर दिया गया। अब बाकरगंज में पानी उतर गया है। पुल पर भी पानी घट चुका है। इसके बाद पुल से 30 गांवों का रास्ता खुल गया है। रविवार को भी तमाम लोग वहां से निकलकर शहर की ओर आए।
पानी से होकर निकली आसिफ की बरात
गांव राघव ढोलियापुर निवासी आसिफ की रविवार को बरात थी। उनके घर के आसपास भी काफी पानी भर गया था। शादी के कारण तमाम स्वजन भी उनके यहां आने थे, लेकिन जलभराव के कारण कम लोग ही वहां पहुंचे। रविवार को उनकी बरात निकलने में काफी दिक्कत हुई। पुल से कार बड़ी मुश्किल से निकल पाई। उनके रिश्तेदारों ने हाथों में सामान लेकर पुल पार किया।
समाजसेवियों ने बांटी राहत सामग्री
समाज सेवा मंच के अध्यक्ष नदीम शमसी के साथ टीम ने बाकरगंज में जाकर लोगों से मुलाकात की। उनकी मदद के लिए जरूरत का सामान भी बांटा। जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी भी अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गए। वहां घरों के आगे कीचड़, कीड़े-मकोड़े मिले। उन्होंने नदी किनारे पत्थरों का पुश्ता बनवाने की मांग प्रशासन से की।