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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले थाईलैंड के तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी खारिज Shahjahanpur News

थाईलैंड के नौ तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह ने खारिज कर दिया है। उन्होंने जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार न होने को कारण बताया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 04:21 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 04:21 PM (IST)
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले थाईलैंड के तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी खारिज Shahjahanpur News
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले थाईलैंड के तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी खारिज Shahjahanpur News

शाहजहांपुर, जेएनएन। थाईलैंड के नौ तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह ने खारिज कर दिया है। उन्होंने जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार न होने को कारण बताया। अब इस मामले में जिला सत्र न्यायालय में अपील दायर की जाएगी। सोमवार को सीजेएम ने जमानत पर अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि थाईलैंड के जमातियों पर भारत व उसके किसी भाग में प्रवेश करने व उसके किसी भाग में ठहरने के लिए जारी किए गए वीजा की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है।

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यह मामला अति गंभीर है। अपराध अजमानतीय है, इसलिए पर्याप्त आधार न होने के कारण जमानत नहीं दी जा सकती। हालांकि इससे पहले शनिवार को वीडियो कांफ्रेसिंग से हुई बहस में जमातियों के वकील एजाज हसन, अचल सक्सेना, फिरासत अली व मो. इरफान ने जमातियों के वैध पासपोर्ट व वीजा से भारत आने के साथ ही कई अन्य तर्क देते हुए जमानत मंजूर करने की अपील की थी। सीजेएम ने बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

तमिलनाडु के जमातियों की रिहाई भी अभी नहीं

तमिलनाडु के दो जमातियों व मरकज के केयरटेकर की जमानत सीजेएम ने पूर्व में ही मंजूर कर दी थी। सोमवार को मरकज केयर टेकर मसीउल्ला का बेल बांड दाखिल किया गया। उन्हें शाम तक अस्थायी जेल से रिहा किए जाने की संभावना है। वहीं तमिलनाडु के जमातियों को अभी कुछ दिन और जेल में रहना पड़ सकता है। जमातियों के अधिवक्ता एजाज हसन खां व फिरासत अली ने बताया कि थाईलैंड के जमातियों की भाषा स्थानीय लोग नहीं समझ सकते हैं और न ही वे लोग स्थानीय भाष को समझ पाते हैं। तमिलनाडु के जमाती उनके द्विभाषिये के रूप में मदद करते हैं। ऐसे में उन्हें दिक्कत न हो इसलिए फिलहाल उनके बेल बांड अभी दाखिल नहीं किए हैं। जमानत की अपील मंजूर होने तक वे लोग जेल में उनके साथ रह सकते हैं।

30 अप्रैल से अस्थाई जेल में है निरुद्ध

शहर के खलील शर्की मुहल्ला स्थित मरकज में रुके थाईलैंड के नौ, तमिलनाडु के दो जमातियों को मरकज के केयरटेकर के साथ दो अप्रैल को मेडिकल कालेज में क्वारंटाइन कराया गया था। थाईलैंड के एक जमाती की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। 30 अप्रैल को क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने पर सभी को अस्थायी जेल में भेज दिया गया था। 

सीजेएम ओमवीर सिंह ने कहा कि थाईलैंड के जमातियों ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया है। वे टूरिस्ट वीजा पर आए थे। उसका पालन करना चाहिए था। मरकज के केयरटेकर मसीउल्ला के परिचित अधिवक्ता फराद अली ने इस मुकदमे की पैरवी के लिए अपने साथी अधिवक्ता एजाज हसन, फिरासत अली, अचल कुमार सक्सेना व मो. इरफान खां से संपर्क किया था। उन्होंने जमातियों के पास आर्थिक दिक्कत का हवाला दिया, जिस पर चारों निश्शुल्क पैरवी के लिए राजी हो गए थे। जबकि कोर्ट की कार्रवाई में आने वाले अभिलेखीय खर्च को फराद अली वहन कर रहे हैं। उनका कहना है कि मसीउल्ला परिचित हैं इसलिए सिर्फ मदद की जा रही है। इसके अलावा जमातियों से किसी और तरह का कोई संपर्क नहीं है।


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