Global Market में बोलेगा बरेली का हुनर, 130 देशों में जरी कारीगरी के साथ पहुंचेगा बांस का फर्नीचर
पर सितारों की चमक देने वाली जरी कारीगरी शहर को पहचान देने वाला बांस का फर्नीचर। कारीगरों का हुनर अब दुनिया के 130 देशों तक पहुंचेगा। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल उत्पादों को वैश्विक बाजार दिलाने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल पर इन्हें रखा जाएगा।
बरेली, अंकित शुक्ला। कपड़ों पर सितारों की चमक देने वाली जरी कारीगरी, शहर को पहचान देने वाला बांस का फर्नीचर। कारीगरों का हुनर अब दुनिया के 130 देशों तक पहुंचेगा। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल उत्पादों को वैश्विक बाजार दिलाने के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल पर इन्हें रखा जाएगा। इसके लिए ओडीओपी मार्ट डाट.काम पोर्टल विकसित किया गया है। 15 अक्टूबर को इस पोर्टल की शुरुआत के साथ ही हुनरमंदों को आनलाइन बाजार मिल जाएगा।
15 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रदेश स्तरीय वर्चुअल मेले में प्रत्येक मंडल के हुनरमंदों, कारीगरों व कारोबारियों को शामिल किया गया है। बरेली मंडल के चारों जिलों से 28 लोग शामिल होंगे। उपायुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल के अनुसार वर्चुअल प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स साइट्स से भी करार किया गया है।
इस पर जरी, बांस फर्नीचर, बांसुरी जैसे उत्पादों को प्रस्तुत किया जाएगा। वर्चुअल प्रदर्शनी में शामिल होकर उत्पाद खरीद सकेंगे। पोर्टल पर दर्ज नंबर के जरिये लोग सीधे कारोबारी से फोन के जरिये बात कर भी उत्पाद मंगा सकेंगे। भाषा आदि की समस्या न हो, इसके लिए ट्रांसलेटर की भी व्यवस्था की गई है।
जरी जरीदोजी को मिलेगा बढ़ावा
खाड़ी देशों में जरी आधारित लेदर के उत्पादों की ज्यादा डिमांड है। ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में भी इन्हें लोग खूब पसंद करते हैं। बरेली में जरी-जरदोजी उद्योग से 1.70 लाख लोग जुड़े हैं। सालाना टर्नओवर करीब 40 करोड़ रुपये है ऐसे में उनको बेहतर बाजार मिल सकेगा।