जांच में अबतक आंच नहीं
जुलाई में गरीबों के हिस्से का करीब 300 कुंतल अनाज घोटालेबाज डकार गए। इस मामले में खाद्य विभाग दस कोटेदारों पर मुकदमा दर्ज कराकर खामोश बैठ गया।
जागरण संवाददाता, बरेली : जुलाई में गरीबों के हिस्से का करीब 300 कुंतल अनाज घोटालेबाज डकार गए। इस मामले में खाद्य विभाग दस कोटेदारों पर मुकदमा दर्ज कराकर खामोश बैठ गया। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद आयुक्त आलोक कुमार द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी को दी गई राशन कार्ड धारक के सत्यापन की जांच भी आगे नहीं बढ़ पाई।
20 सितंबर को खाद्य आयुक्त ने अधिकारियों को घोटाले से प्रभावित राशन कार्ड धारकों के घर जाकर परिवार के सदस्यों की संख्या एवं पात्रता की जांच कर पांच अक्टूबर को रिपोट देने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक जिला पूर्ति अधिकारी ने सप्लाई इंस्पेक्टरों को इसकी जांच के निर्देश दिए, जो अभी तक आगे नहीं बढ़ी है।
अपनी गर्दन फंसने का डर
-घोटाले में फंसे एक कोटेदार ने विभागीय अधिकारियों की शह पर घोटाले का गंभीर आरोप लगाया था। राशन डीलर संघ ने भी इन आरोपों पर जांच की मांग की थी। मगर स्थानीय पर सप्लाई इंस्पेक्टरों की भूमिका की जांच शुरू नहीं हुई। उन्हें अपनी गर्दन फंसने का डर सता रहा है। ऐसे हुआ था घोटाला
-बरेली समेत प्रदेश के 43 जिलों के शहरी क्षेत्रों के कार्ड धारकों के आधार नंबर का दुरुपयोग कर घोटाला किया गया। बरेली शहर-कस्बा क्षेत्रों की 68 दुकानें घोटाले में फंसी थीं। इसमें 12 दुकानों से राशन का ज्यादा ट्रांजेक्शन हुआ। खाद्य विभाग ने दस कोटेदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन, जांच नहीं हुई।
वर्जन
-आपूर्ति विभाग की ओर से मुझे अभी कोई प्रगति या जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। सभी कार्ड धारकों के सत्यापन की रिपोर्ट निर्धारित समय में जमा करनी होगी।
राजन गोयल, खाद्य एवं रसद उपायुक्त