हालात : आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया साबित हो रही यूपी के इन जिलों की सब ट्रेजरी, Bareilly News
वित्त मंत्री बनने के बाद मुख्य फोकस फिजूलखर्ची पर रोक लगाना है। इसी वजह से 34 जिलों में 46 सब ट्रेजरी को बंद करवाया गया है।
जेएनएन, बरेली : वित्त मंत्री बनने के बाद मुख्य फोकस फिजूलखर्ची पर रोक लगाना है। इसी वजह से 34 जिलों में 46 सब ट्रेजरी को बंद करवाया गया है। इन ट्रेजरी कार्यालय में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपइया वाली कहावत लागू थी। ये बातें प्रदेश के वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने शुक्रवार को नगर निगम के उपसभापति अतुल कपूर के निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं। बोले कि इटावा की जसवंतनगर सहित 17 ऐसी ट्रेजरी थी, जहां एक रुपये का स्टांप नहीं बिकता था। इन ट्रेजरी में सात-सात लोगों का स्टाफ था। यह फिजूलखर्ची थी, जिसे रोकने की शुरूआत कर दी है।
डॉक्टर अपना व्यवहार सुधारें
मंत्री ने डॉक्टरों का आचरण सुधारने की बात कहते हुए उन्हें प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई। क्योंकि कई बार डॉक्टर मरीजों की भीड़ को मैनेज नहीं कर पाते। उन्हें अपना व्यवहार संयमित रखना चाहिए। डॉक्टर अगर मरीजों से सही व्यवहार करेंगे तो बिना इलाज के ही आधा सुधार हो जाएगा। डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार गंभीर है। एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन अभी 3700 पर एक डॉक्टर है।
केंद्र को भेजा 14 मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव
इसलिए 15 मेडिकल कॉलेज खोले हैं। 14 मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। इनमें कानपुर देहात, बिजनौर, कौशांबी, सोनभद्र, बुलंद शहर, औरैया, अमेठी, सुल्तानपुर, चंदौली, कुशीनगर पीलीभीत, लखीमपुर, बलिया और गोंडा शामिल हैं। प्राइवेट कॉलेज में फीस के मुद्दे पर कहा कि सरकार इसकी समीक्षा कर रही है, जल्द ही निराकरण कर लिया जाएगा।
बरेली में मेडिकल कॉलेज के सवाल पर बोले
बरेली में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी हैं। यहां सरकारी मेडिकल कालेज की जरूरत के सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन बताई। बोले, जहां कोई प्राइवेट या सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहीं पर नया सरकारी मेडिकल कालेज खुल सकता है।