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रुहेलखंड विश्वविद्यालय की परीक्षा में सही जवाब लिखने पर भी नहीं मिले अंक, मूल्यांकन में उजागर हो रहीं शिक्षकों की कमियां

Rohilkhand University एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक व परास्नातक के जारी हुए परीक्षा परिणामों में जमकर शिकायतें मिली। इधर चैलेंज मूल्यांकन में शिक्षकों की गलतियां सामने आ रही हैं। कई कापियों में सवाल सही होने के बाद भी शिक्षकों द्वारा उसके नंबर नहीं दिए गए हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:07 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:07 AM (IST)
रुहेलखंड विश्वविद्यालय की परीक्षा में सही जवाब लिखने पर भी नहीं मिले अंक, मूल्यांकन में उजागर हो रहीं शिक्षकों की कमियां
चैलेंज मूल्यांकन में अधिकांश छात्र पास होते जा रहे हैं।

बरेली, जेएनएन। Rohilkhand University : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक व परास्नातक के जारी हुए परीक्षा परिणामों में जमकर शिकायतें मिली। इधर चैलेंज मूल्यांकन में शिक्षकों की गलतियां सामने आ रही हैं। कई कापियों में सवाल सही होने के बाद भी शिक्षकों द्वारा उसके नंबर नहीं दिए गए हैं। इसका परिणाम यह है कि चैलेंज मूल्यांकन में अधिकांश छात्र पास होते जा रहे हैं। मूल्यांकन में मिल रही कमियों की पड़ताल करने पर मालूम चला कि विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों की लापरवाही का खामियाजा छात्र उठा रहे हैं।

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चैलेंज मूल्यांकन के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ रहा है। यही नहीं छात्रों ने आरटीआइ जिसमें केवल दस रुपये व प्रति पेज छायाप्रति का भुगतान का नियम है, जबकि इसके बदले छात्रों से तीन सौ रुपये लिए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में रोजाना कई छात्र-छात्राएं आरटीआइ में कापी मिलने के बाद शिक्षकों की कमियों को लेकर पहुंच रहे हैं। केसीएमटी में बीएसी आनर्स द्वितीय वर्ष की एक छात्रा ने गणित की कापी की आरटीआइ ली। जिसमें जमकर अनियमितता मिली।

मूल्यांकन करने वाले शिक्षक द्वारा प्रश्न को सही करार देने के बाद भी उसमें कोई नंबर उसे नहीं दिए गए। ऐसा उसकी कापी में दो प्रश्नों के सही जवाब में हुआ है। छात्रा द्वारा न्यायालय जाने का प्रार्थना पत्र दिया है। बरेली कालेज के बीकाम के छात्र ने भी आरटीआइ में कापी मांगी। जिसमें शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन कार्य सही नहीं पाया गया। छात्र द्वारा पास किए जाने के लिए विश्वविद्यालय में चैलेंज मूल्यांकन को आवेदन किया है।

मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों से भराया गया था प्रपत्र : विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन कार्य शुरू होने से पहले ही इस कार्य में लगाए जाने वाले शिक्षकों से एक प्रपत्र भराया था। जिसमें स्पष्ट अंकित था कि यदि मूल्यांकन कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही मिलती है तो उन्हें डिबार किया जाएगा। बावजूद इसके कई गलतियां सामने आ रही हैं।

परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंच रहीं सैकड़ों आरटीआइ : विवि के परीक्षा नियंत्रक अशोक कुमार अरविंद के पास रोजाना 70 से 80 छात्रों की आरटीआइ गलत मूल्यांकन का दावा करते हुए पहुंच रही हैं। यही नहीं कई महाविद्यालयों द्वारा भी छात्रों की लिस्ट का बंच भेजा जा रहा है। जिससे कि छात्रों का भविष्य खराब होने से बच सके।

कापी जांच की संख्या निर्धारित न होने के कारण हो रहीं गलतियां : मूल्यांकन कार्य में इस वर्ष मिल रही तमाम गलतियों के पीछे कहीं न कहीं कापी जांचने की संख्या का निर्धारण न होना माना जा रहा है। विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों का कहना है कि मूल्यांकन कार्य में शिक्षक द्वारा की गई गलती का खामियाजा छात्र को भरना पड़ता है, जो गलत है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि मूल्यांकन कार्य में गलती मिलने पर पहली बार शिक्षकों को डिबार किया जा रहा है। इसके लिए पहले ही उनसे एक प्रपत्र भराया गया था। छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए चैलेंज मूल्यांकन कराया जा रहा है।


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