Lockdown-2 Update : बरेली के मदरसे में भूख से बेहाल बिहार और असम के छात्रों ने किया हंगामा, दौडे़ अफसर Bareilly News
लॉकडाउन के दौरान आजमनगर के मदरसा इशातुल उलूम में भूखे छात्रों ने हंगामा किया। ऐसे ही दरगाह आला हजरत स्थित एक घर में रह रहे छात्रों को भी निकाले जाने का शोर मच गया।
बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान आजमनगर के मदरसा इशातुल उलूम में भूखे छात्रों ने हंगामा किया। ऐसे ही दरगाह आला हजरत स्थित एक घर में रह रहे छात्रों को भी निकाले जाने का शोर मच गया। मामला संज्ञान में आने पर अफसर दौड़ पड़े। एक जगह शिकायत सही पाई गई। तब फैसला हुआ कि छात्रों के लिए खाने की व्यवस्था अध्यापक करेंगे। उनकी ड्यूटी लगा दी गई है। दरगाह से जुड़े मामले में कोई छात्र सामने नहीं आया।
शहर और देहात में कई मदरसे ऐसे हैं, जिनमें लॉकडाउन के चलते छात्र फंसे हुए हैं। आजमनगर के मदरसा इशातुल उलूम में छात्रों के लिए खाने का इंतजाम आसपास के होटलों से होता था, जो बंद हैं। इस वजह से मदरसे के हास्टल में रहने वाले छात्रों को खाना नहीं मिल पा रहा है।
शिकायत पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के साथ जांच के लिए पहुंची टीम को बिहार, असम और बंगाल के 15 छात्रों ने बताया कि उन्हें खाना नहीं मिल रहा है। तब उनके खाने के लिए प्रतिदिन मदरसे के ही एक अध्यापक की ड्यूटी लगाई गई। तय हुआ कि खाना गुरुवार से मदरसे में ही बनेगा।
उधर, दरगाह आला हजरत स्थित एक घर से जुड़ी शिकायत पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने स्पष्ट किया कि वह मामला नबीरे आला हजरत मौलाना मन्नान रजा खां मन्नानी मियां से जुड़ा है। उनका मदरसा जामिया नूरिया रजविया बाकरगंज में है।
वहां कर्नाटक व कश्मीर के दो छात्र रह रहे हैं। दोनों के लिए खाने की व्यवस्था है। घर से जुड़ी शिकायत पर मन्नानी मियां ने जागरण को बताया कि सरासर गलत बात है। सभी पांच अपने घर नहीं जा सके हैं। छात्रों के लिए खाने की व्यवस्था है। उन्हें अपने साथ ही दोनों समय खाना खिलाया जा रहा है।
दो मदरसों को लेकर शिकायत मिली थी। मदरसा इशातुल उलूम में खाने की व्यवस्था करा दी है। मन्नानी मियां के मदरसे में रह रहे छात्रों ने किसी तरह की कोई समस्या नहीं बताई। - जगमोहन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी