वेबसाइट पर डाटा नहीं, कैसे भरें परीक्षा फॉर्म
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में परीक्षा फॉर्म भरने के लिए एजेंसी बदलने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, बरेली : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में परीक्षा फॉर्म भरने के लिए एजेंसी बदलने से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। नई एजेंसी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं का डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर पाई है। इस कारण जो विद्यार्थी परीक्षा फॉर्म भरने के लिए वेबसाइट खोल रहे हैं, वे अपना रिकॉर्ड वेब पर न होने की वजह से कुछ नहीं कर पा रहे। सोमवार को दिन भर सैकड़ों विद्यार्थी ऐसी ही समस्या लेकर विवि पहुंचते रहे।
रुविवि में प्रोफेशनल कोर्स-बीबीए, बीसीए, बीटेक समेत अन्य पाठ्यक्रमों के प्रथम, तृतीय, पांचवें, सातवें और नौवें सेमेस्टर के परीक्षा फॉर्म भरे जाने हैं। अंतिम तिथि पंद्रह नवंबर है। सूत्रों के मुताबिक, फॉर्म भरने के पहले दिन से ही डाटा की समस्या आ रही है। सोमवार को बीटेक के फॉर्म भरने की भी शुरुआत हो गई है। विवि कैंपस के परास्नातक कोर्स के छात्रों के सामने भी यही समस्या है।
छात्रों का अपलोड होता है डाटा
रुविवि की वेबसाइट पर अध्ययनरत छात्रों का डाटा अपलोड किया जाता है। जिस छात्र का डाटा वेब पर होगा, उसका फॉर्म ही ओपन होगा। यानी वही फॉर्म भर सकता है। ऐसा फर्जीवाड़ा रोकने के लिए किया गया है। नई एजेंसी नए सिरे से यह डाटा अपलोड कर रही है, इसलिए समस्या आ रही हैं।
तीसरे, पांचवें सेमेस्टर में संकट
तीसरे, पांचवें, सातवें और नौवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को फॉर्म भरने में ज्यादा संकट है। जबकि प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का डाटा प्रवेश के समय ही वेबसाइट पर अपलोड है।
शिकायतें लेकर पहुंच रहे विद्यार्थी
फॉर्म न भर पाने की शिकायतें लेकर पहुंचे रहे विद्यार्थियों की समस्या के निस्तारण के लिए विवि की टीम जुटी है। बैक, भूतपूर्व छात्र-छात्राएं भी डाटा की समस्या से प्रभावित हैं। बहरहाल, एजेंसी से संपर्क कर इनका डाटा अपलोड कराया जा रहा है।
कई की दोहरी फीस
टेक्निकल समस्या के चलते कई विद्यार्थियों को दो बार परीक्षा फॉर्म जमा करनी पड़ गई। ऐसे छात्रों की संख्या करीब 40 से ज्यादा बताई जा रही है। हालांकि, विवि प्रशासन का तर्क है कि इनकी एक बार की अतिरिक्त फीस खातों में वापस की जा रही है। वर्जन
परीक्षा फॉर्म भरने में शुरुआत में कुछ समस्याएं थीं। उनका निस्तारण हो गया है। अब आसानी से फॉर्म भरे जा रहे हैं।
संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक रुविवि