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START- UP : रुहेलखंड विश्वविद्यालय तैयार करेगा कार्ययोजना, गठित की ये तीन सदस्यीय टीम

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय जल्द ही स्पार्टअप को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने व्यवसाय प्रबंधन विभाग के आचार्य प्रो. संजय मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:40 PM (IST)
START- UP : रुहेलखंड विश्वविद्यालय तैयार करेगा कार्ययोजना, गठित की ये तीन सदस्यीय टीम
रुहेलखंड विश्वविद्यालय तैयार करेगा कार्ययोजना वाली खबर मे विवि का फाइल फोटो

बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय जल्द ही स्पार्टअप को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने व्यवसाय प्रबंधन विभाग के आचार्य प्रो. संजय मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें शिक्षा विभाग की सह आचार्य डॉ. क्षमा पांडेय और सहायक आचार्य डॉ. नीरज कुमार को भी शामिल किया है।

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अब कमेटी शासन की ओर से दी गई उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप नीति पर काम शुरू करेगी, जिससे छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सके।दरअसल, शासन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को स्टार्ट अप नीति की गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय नोडल संस्था के परामर्श से नवाचार और उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।

भावी स्टार्टअप उद्यमियों के सृजन के लिए पाठ्यक्रम में नवाचार और उद्यमिता पर बुनियादी शिक्षा शुरू की जाएगी। जो छात्र उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें स्नातक-परास्नतक पाठ्यक्रमों के पहले साल के बाद एक वर्ष का अवकाश लेने की अनुमति दी जाएगी। पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए अधिकतम एक साल के अंतराल को नहीं जोड़ा जाएगा।

दी जाएगी स्टार्टअप की जानकारी

विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई कमेटी विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप से जुड़ी सभी जानकारियां मुहैया कराएगी। बताया जाएगा कि कौन सी स्कीम उनके लिए फायदेमंद हैं। उसमें आवेदन करके कैसे लाभ उठा सकते हैं। उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के तरीके भी बताए जाएंगे।

बनेगा ई-प्रकोष्ठ

विश्वविद्यालय में छात्रों को अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ई-प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी। किसी स्टार्ट अप प्रोजेक्ट पर काम करने वाले छात्र उद्यमी को डिग्री पूरी करने के लिए अपनी स्टार्ट अप परियोजना को अंतिम वर्ष की परियोजना के रूप में बदलने की अनुमति दी जाएगी।


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