प्रमुख सचिव बोले डाक्टरों की कमी, सीएमओ ने नकार दिया
ओपीडी में रोजाना ढाई से तीन हजार मरीजों की भीड़।
जेएनएन, बरेली : ओपीडी में रोजाना ढाई से तीन हजार मरीजों की भीड़, कई बार चिकित्सकों के चैंबर खाली हों तो दवा का इंतजार घंटों बढ़ जाता है। जिला अस्पताल में ऐसा रोजाना होता है। मरीजों की भीड़ को देखते हुए चिकित्सकों को बढ़ाने की मांग उठी मगर वह सिस्टम के भंवर में फंस गई। प्रमुख सचिव कह गए थे कि जो विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यालयों में अटैच हैं, उन्हें बाहर निकालें। मगर सीएमओ ने इससे इन्कार कर दिया। कह दिया कि मानक के अनुसार तो सिर्फ एक चिकित्सक की कमी है, वह भी पूरी करा दी जाएगी। यानी तय है कि जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, वे मर्ज के इलाज में फिलहाल मददगार साबित नहीं हो सकेंगे।
बीते दिनों प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया तब उन्हें ओपीडी के बारे में बताया गया। वहां मात्र 25 डॉक्टर तैनात हैं, जोकि स्वीकृत पदों से आधे हैं। यही वजह है कि जो चिकित्सक चैंबर में बैठे मिलते, उनके दरवाजे पर लंबी भीड़ रहती है। जानकारी होने पर प्रमुख सचिव ने कहा था कि एडी कार्यालय, सीएमओ कार्यालय में जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, वे भी मरीज देखें। मगर ऐसा नहीं हो सका।
ये हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
पैथोलॉजिस्ट डॉ. राजकुमार (कुआटांडा), डॉ. राशिद (फरीदपुर), सर्जन डॉ. ए अंसारी, डा. जेपी मौर्य (बहेड़ी), डेटल सर्जन डॉ. अतुल कटियार, ईएनटी सर्जन डॉ. नागोई और डॉ. विजय यादव। इनके अलावा एडी दफ्तर में तैनात पांच ज्वाइंट डायरेक्टर तैनात हैं। सीएमओ के आधीन पांच एसीएमओ और एक डीटीओ हैं। मंशा थी कि वे लोग भी मरीजों को देखें मगर प्रमुख सचिव के निर्देश किनारे कर दिए गए।
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जो शासनादेश है उसके हिसाब से जिला अस्पताल में सिर्फ डेटल सर्जन की कमी है। इसका प्रस्ताव बनाकर डीएम कार्यालय में अनुमोदन के लिए भेज दिया है। अनुमोदन के बाद डेटल सर्जन उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
-डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ