CAA 2019 : सोशल साइट खामोश, फोन पर उड़ती रहीं अफवाहें Bareilly News
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर सोशल मीडिया साइटों पर फैलने वाली अफवाहों पर शिकंजा कस दिया था।
जेएनएन, बरेली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर सोशल मीडिया, साइटों पर फैलने वाली अफवाहों पर शिकंजा कस दिया था। लोग कुछ परेशान भी हुए, लेकिन इससे अधिक दिक्कत प्रशासन व पुलिस के लिए भी बढ़ी। जब कॉल व टेक्स्ट मैसेज कर अफवाहें और भ्रामक सूचनाएं उड़ाई गईं। कभी बिहारीपुर तो कभी बारादरी के पुराना शहर में हंगामा या आगजनी की अफवाहें उड़ी, लेकिन पुलिस की सतर्कता से अफवाहें जोर न पकड़ सकीं।
सबसे ज्यादा अफवाहों का बाजार दोपहर में उस समय गर्म हुआ जब पुराना शहर में पूरा बाजार बंद होने के बाद भीड़ इस्लामिया मैदान की तरफ बढ़ रही थी। सिविल लाइंस में कुछ व्यापारियों तक पुराना शहर के साथ बिहारीपुर में कुछ हंगामे की सूचना उड़कर पहुंची तो पूरे सिविल लाइंस में भी दुकानदारों ने दुकानों के शटर गिरा दिए। एक-दूसरे को फोन कर उन क्षेत्रों के हाल पूछते रहे। हालांकि, सबकुछ शांतिपूर्ण रहा।
ऑनलाइन फूड आर्डर, शेयर ट्रेडिंग और भुगतान नहीं हुए
राजेंद्र नगर में अपनी बहन निधि के घर आए सुधांशु गुप्ता नया साल मनाने के लिए पेरिस जाने वाले थे। फ्लाइट, होटल बुकिंग सभी ऑनलाइन हो चुकी थी। तभी उनके पास ईमेल से जानकारी आई कि 30 दिसंबर को पेरिस में पब्लिक ट्रांसपोर्ट बाधित रहेगा। शुक्रवार को उन्होंने अपनी बुकिंग निरस्त करानी चाही, लेकिन इंटरनेट नहीं चलने से मैन्युअल फोन पर सारी बुकिंग निरस्त करानी पड़ी।
इंटरनेशनल कॉल करने में उन्हें खासी मुश्किल उठानी पड़ी। इंटरनेट बंद होने के बाद यह समस्या सिर्फ सुधांशु की नहीं, बल्कि तमाम ऐसे युवाओं को उठानी पड़ी। ऑनलाइन जोमाटो और स्वीगी पर व्यंजन आर्डर नहीं किए जा सके। शहर में खाद्य पदार्थ बेचने की फूड चेन संचालित करने वाले अनुराग शर्मा ने बताया कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद ऑनलाइन आर्डर ठप हो गए।
डेलापीर मंडी में एचआर फ्रूट कंपनी के मालिक आबिद रजा खां के मुताबिक, किसानों को माल बेचने के लिए वाट्सएप पर तस्वीर भेजकर ऑनलाइन लेनदेन होता था। लेकिन शुक्रवार को सौदे नहीं हो सके। प्लाई व्यवसायी गौरव शेयर ट्रेडिंग करते है। इंटरनेट बाधित होने पर शुक्रवार को शेयर बाजार की उथल-पुथल में शामिल नहीं हो सके। अब सीधे सोमवार को बाजार खुलेगा।
इंटरनेट बंदी ने घरों, छात्रावासों में लौटाई रौनक
इंटरनेट बंद होने ने लोगों को दिक्कतें तो खूब आईं लेकिन इसके चलते घरों की रौनक भी लौट आई। वाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब, टिकटॉक पर पूरा दिन-पूरी रात लगे रहने वाले युवा लंबे समय बाद अपनों के साथ दिखे। घर-परिवार, दोस्तों, भाई-बहनों के बीच मस्ती का माहौल रहा। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्रावास भी गुलजार रहे। दोपहर में छात्र मोबाइल में व्यस्त रहने की बजाय धूप में एकसाथ मिलकर मस्ती करते हुए दिखे। चौपाल लगाकर देश-दुनिया सहित तमाम मुद्दों पर जमकर गप्पे लड़ाई।
रुविवि में नहीं हो सका प्रशासनिक कामकाज
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में इंटरनेट सेवा न चलने के कारण ज्यादातर प्रशासनिक कामकाज ठप रहा। कॉलेजों से मौखिक परीक्षाओं के अंक नहीं अपलोड हो सके तो छात्र विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फार्म भी नहीं भर पाए। कॉलेजों को अंक अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए परीक्षा नियंत्रक ने फैसला लिया है।