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स्वामी चिन्मयानंद-छात्रा प्रकरण: एसएस कॉलेज पहुंची एसआइटी, हॉस्टल का ताला खुलवाकर की जांच Shahjahanpur News

स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ छात्रा के आरोप लगाने के मामले में शुक्रवार सुबह एसआइटी एसएस कॉलेज पहुंची।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 12:27 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:15 PM (IST)
स्वामी चिन्मयानंद-छात्रा प्रकरण: एसएस कॉलेज पहुंची एसआइटी, हॉस्टल का ताला खुलवाकर की जांच Shahjahanpur News

शाहजहांपुर, जेएनएन : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ छात्रा के वीडियो वायरल कर गंभीर आरोप लगाने के मामले में जांच के लिए सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआइटी शनिवार सुबह एसएस कॉलेज पहुंची। टीम ने स्टाफ से पूछताछ की और केस से संबंधित साक्ष्य जुटाए। टीम के पहुंचने से पहले कॉलेज के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। 

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हॉस्टल जाकर खंगाले साक्ष्य, ग्राफिक्स किया तैयार

सूत्रों की माने तो एसआइटी ने कॉलेज पहुंचने के बाद पहले पूरे कैंपस का अच्छी तरह से जायजा लिया। फिर टीम उस हॉस्टल में भी गई, जहां छात्रा रहती थी। हॉस्टल खुलवाकर उसकी गहनता से जांच की। चूंकि, छात्रा हॉस्टल के जिस कमरे में रहती थी, उसे पहले ही सील किया जा चुका है। इसलिए पास वाला दूसरा कमरा खुलवाकर ग्राफिक्स भी तैयार करवाया है। जिससे पूरे मामले की जांच में मदद मिल सके।  

यह था पूरा मामला

स्वामी चिन्मयानंद के संस्थान एसएस लॉ कॉलेज, शाहजहांपुर में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो जारी कर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद छात्रा गायब हो गई थी। 27 अगस्त को छात्रा के पिता की ओर से स्वामी पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसके बाद 31 अगस्त को पुलिस ने छात्रा को एक युवक के साथ राजस्थान से बरामद कर लिया था। वहीं, स्वामी की ओर से मामले में पांच करोड़ की रंगदारी न देने पर बदनाम करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उसके बयान दर्ज किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने एलएलएम की छात्रा द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के संस्थान एसएस लॉ कॉलेज और उसके प्रबंधन पर लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने का आदेश दिए थे। एसआइटी रंगदारी मामले की भी जांच करेगी। 

16 सदस्यीय टीम खंगालेगी साक्ष्य, सामने लाएगी सच

एसआइटी की 16 सदस्यीय टीम स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण का सच सामने लाएगी। कौन सही है और कौन गलत, यह जानने के लिए इस प्रकरण से संबंधित हर साक्ष्य खंगालेगी। हर उस व्यक्ति से पूछताछ होगी, जो इस प्रकरण से किसी न किसी रूप में जुड़ा है। उसके आधार पर जो रिपोर्ट तैयार होगी, वो हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। एसआइटी का नेतृत्व कर रहे आइजी नवीन अरोड़ा शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में अपनी टीम के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मुख्य सचिव ने उनके नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। इसमें उनके अलावा महिला आइपीएस अधिकारी भी हैं। 

दो दिन में तैयार हुई टीम

आइजी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत अपने स्तर से टीम तैयार कर सकते थे। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के बेदाग, निष्पक्ष छवि वाले श्रेष्ठ अधिकारियों व विवेचक के चरित्र, रिकार्ड देखे। इस कार्य में दो दिन लगे, जिसके बाद टीम तैयार हो सकी। आइजी ने बताया कि गुरुवार रात से सभी लोग शाहजहांपुर आने लगे थे। शुक्रवार सुबह पूरी टीम एकत्र हो गई है। 

स्थानीय पुलिस से ली जा रहीं जानकारी 

आइजी ने बताया कि अब तक इस प्रकरण में अब तक की गई विवेचना, पुलिस की रिपोर्ट कार्य आदि का अवलोकन किया जा रहा है। अधिकारियों से बात कर उनका फीडबैक लिया जा रहा है। अब तक क्या प्रोगेस है। क्या जांच हुई इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। जो भी दस्तावेज दिए गए हैं उनका संकलन, अवलोकन व अध्ययन करने के साथ ही अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के बाद एसआइटी कार्ययोजना बनाकर अपनी जांच शुरू करेगी। 

पूरे देश की निगाहें हम पर 

जांच की समयसीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कोई तिथि तय नहीं है। यह बहुत महत्वपूर्ण केस है। छात्रा व उसके परिवार की सुरक्षा अहम पहलू है। कोर्ट के आदेशों के क्रम में इसे भी देखा जाएगा। उनका प्रयास रहेगा कि जांच जल्द पूरी हो पूरा करेंगे, लेकिन ध्यान यह भी ध्यान रखना है कि इसमें किसी तरह की कोई चूक न हो। क्योंकि पूरे देश की निगाहें एसआइटी पर हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठन हुआ है। हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच इसकी निगरानी करेगी। आइजी अरोड़ा ने बताया कि जांच की सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को दी जाएगी।  

काफी देर तक हुई चर्चा

टीम ने काफी देर तक पुलिस अधिकारियों के साथ चर्चा की। इस मामले में अब बयान लिए जाने की तैयारी है। एसआइटी के साथ बैठक में एसपी के अलावा एएसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

कृभको में भी रुके सदस्य

मीटिंग के बाद टीम के कुछ सदस्य रिलायंस पावर प्लांट के गेस्ट हाउस में ही रुक गए, जबकि कुछ को कृभको फर्टिलाइजर के गेस्ट हाउस में रोका गया। पुलिस लाइंस में जल्द ही अस्थाई एसआइटी कार्यालय बनाया जाएगा।

छात्रा के पिता बोले, वकील बताएंगे तब घर वापस आएंगे

एसआइटी की जांच शुरू हो गई है, लेकिन छात्रा व उसके परिजन अभी घर नहीं आए हैं। वे लोग दिल्ली में ही मौजूद हैं। इस प्रकरण से संबंधित कुछ कानूनी प्रक्रिया पर विचार विमर्श चल रहा है। छात्रा के पिता ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वे लोग अपने वकीलों के साथ बात कर रहे हैं। जब वकील बताएंगे तब वापस घर आ जाएंगे। एसआइटी के आने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं है। न ही एसआइटी की ओर से अभी कोई संपर्क किया गया है। जब उन लोगों को सूचित किया  जाएगा, बयान के लिए बुलाया जाएगा तब एसआइटी के समक्ष पेश होंगे। प्रवेश प्रकिया के संबंध में छात्रा के पिता का कहना था कि कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया है। अभी इसमें समय है। स्वामी चिन्मयानंद की ओर से आरोपों को गलत ठहराने के सवाल पर उनका कहना था कि अपने बचाव के लिए कोई कुछ भी कह सकता है, पर उन लोगों के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। 

बेटी से नहीं हो पायी ज्यादा मुलाकात

छात्रा के पिता ने बताया कि उन लोगों की बेटी से ज्यादा मुलाकात नहीं हो पायी है। वे लोग उससे दूर पुलिस सुरक्षा में ही रह रहे हैं। बेटी से कम समय के लिए ही मिलना हो पा रहा है।   

वीडियो से लेकर मैसेज तक की एक्सपर्ट करेंगे पड़ताल

स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण की जांच में एसआइटी कोई चूक नहीं होने देना चाहती। यह बात स्वयं टीम का नेतृत्व कर रहे आइजी नवीन अरोड़ा ने भी कही। यही कारण है कि उन्होंने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसमें विभिन्न एक्सपर्टस को भी शामिल किया है जो अहम ङ्क्षबदुओं पर अपनी पड़ताल करेंगे। आइजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि उनकी टीम में सर्विलांस एक्सपर्ट शामिल हैं। जो अपने स्तर से इस प्रकरण में सोशल मीडिया से लेकर अन्य संबंधित पहलुओं पर जांच में मदद करेंगे। इसी तरह एसपीओ स्तर की अधिकारी को लीगल एक्सपर्ट के रूप मे शामिल किया गया है। फॉरेंसिक साक्ष्यों को जुटाने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी टीम के साथ में हैं। आइजी ने बताया कि इस प्रकरण की जांच में गहराई तक पड़ताल होगी। 

इसलिए एक्सपर्ट की जरूरत

इस प्रकरण में शुरुआत में छात्रा की ओर से वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें उसने कई गंभीर आरोप लगाए थे। जबकि स्वामी चिन्मयानंद के प्रवक्ता एडवोकेट ओम ङ्क्षसह की ओर से स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन जिस युवक के मोबाइल नंबर से रंगदारी मांगी थी, जांच में वह दूसरे युवक का निकला था। दावा किया गया कि वीडियो भी उसी नंबर पर चल रही आइडी से वायरल किया गया। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में छात्रा व युवक के दिल्ली के एक होटल में होने के दावे भी किये गए थे। यह सब जांच का हिस्सा होंगे। इसलिए एसआइटी ने अपने साथ सभी एक्सपर्ट शामिल किए हैं।  


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