फाइलों में पक्की सड़क, धरातल पर कच्चा रास्ता
शासन-प्रशासन सुलभ सड़कें देने का दावा कर रहा है मगर तुला शेरपुर की सड़क हकीकत बयां कर रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली : शासन-प्रशासन लोगों को सुलभ सड़कें देने का दावा कर रहा है मगर तुला शेरपुर की सड़क इन दावों की हकीकत बयां कर रही है। क्षेत्र की बसावट के आधार पर अधिकारियों की फाइलों में यहां पक्की सड़क स्वीकृत है। मगर, लोगों के नसीब में कच्चा रास्ता ही है। क्षेत्र को 2012 में देहात से हटाकर शहरी सीमा में तो शामिल कर लिया गया। शनिवार को क्षेत्र में जनता की आवाज संस्था के साथ मिलकर क्षेत्रवासियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया।
तुला शेरपुर क्षेत्र दशकों पहले बसा था। वर्तमान में यहां 20 हजार से अधिक की आबादी है। तुला शेरपुर से होकर गुजरने वाला यह कच्चा रास्ता शहर के मिथलापुरी, सुरेश शर्मा नगर, संजय नगर, बन्नूवाल कालोनी आदि क्षेत्रों के लिए लिंक रोड का काम कर रहा है, लेकिन रास्ता कच्चा होने के कारण यहां से गुजरने की बजाय लोग दो से तीन किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर पीलीभीत बाईपास या स्पोर्ट्स स्टेडियम होते हुए अपने गंतव्य को जाने को मजबूर हैं।
रास्ता कच्चा होने से पनप रहीं बीमारियां
क्षेत्रवासियों का कहना है कि वह दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। इस वर्ष बारिश अधिक होने के कारण यहां के हालात और खराब हो गए हैं। अधिकारी यहां फॉगिंग करवाने तक नहीं आते। जनता की आवाज संस्था के अध्यक्ष जगपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर, अधिकारी यहां सड़क निर्माण कराने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देंगे तो सोमवार से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल आमरण अनशन में बदल जाएगी। हस्ताक्षर अभियान में वीरेश सिंह गुर्जर, अवनीश सिंह, निमेष पाल, नरवीर सिंह, पुष्पेंद्र माहेश्वरी राम किशन कश्यप आदि मौजूद रहे।