शिवपाल से अपने रहे दूर, दरगाह पर मिली तरजीह
जागरण संवाददाता, बरेली : इसे दबाव की राजनीति मानें या राजनीतिक मैदान में मजबूती से डटे रहने की कोशिश
जागरण संवाददाता, बरेली : इसे दबाव की राजनीति मानें या राजनीतिक मैदान में मजबूती से डटे रहने की कोशिश। मकसद चाहे जो भी हो, सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के निजी दौरे ने सियासी गलियारों में हलचल जरूर पैदा की है। उनके दौरे से पार्टी के अपने दूरी बनाए रहे लेकिन, मुस्लिम हल्कों में उन्हे तरजीह मिली। खासतौर से दरगाह आला हजरत पर न सिर्फ उनकी शहर काजी से मुलाकात हुई बल्कि उन्होंने जानशीन मुफ्ती आजम ¨हद मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां से अपने लिए दुआ भी कराई।
अघोषित कार्यक्रम के तहत शिवपाल सिंह दोपहर बाद सर्किट हाउस पहुंचे। यहां सपाइयों के रूप में एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शिवप्रताप यादव ही दिखाई दिए। उनके करीबी लोगों की शहर में लिस्ट तो लंबी है लेकिन पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव को खास माना जाता है। वीरपाल सिंह के साथ अन्य सभी प्रमुख पार्टीजन कार्यक्रम से दूर रहे। इस बारे में शिवपाल सिंह का कहना था कि हमने किसी को बुलाया नहीं, इसलिए कोई आया भी नहीं। सर्किट हाउस में विश्राम के बाद वह दरगाह आला हजरत पहुंचे। हाजरी देकर चादरपोशी की। उसके बाद शहर काजी मौलाना असजद रजा खां कादरी से मुलाकात की। जानशीन मुफ्ती आजम ¨हद बीमार चल रहे हैं, उनका हाल जाना। बाद में जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खां कादरी के किला क्रासिंग स्थित आवास पर भोजन किया। इससे पहले पुराना शहर में जगतपुर निवासी डॉ. आरिफ के घर भी गए। सुबह उनका बदायूं जाने का कार्यक्रम है। दरअसल सपा में कुनबे की कलह तो थम गई लेकिन अभी शिवपाल सिंह यादव को पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं मिल सकी है। लोकसभा चुनाव से पार्टी में बहुत कुछ बदलाव की चर्चा है। दौरे को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।