आखिर बरेली में ही क्यों उमड़ता है कांविड़यों का सैलाब, जानिए वजह
सावन के महीने में इस शहर की रौनक अलग होती है।
बरेली: उत्तर भारत का आठवां सबसे बड़ा महानगर और देश का 50 वां बड़ा शहर बरेली। ऐसा शहर जहां सात नाथ विराजमान हैं। सावन के महीने में इस शहर की रौनक अलग होती है। हर ओर कांवड़ियों का हुजूम और बम-बम भोले के जयकारे। हर सड़क पर केसरिया सैलाब उमड़ने की वजह सिर्फ यहां बने सात मंदिर ही नहीं हैं। कुछ और वजह भी हैं, जिस कारण इस शहर में आसपास के जिलों से कहीं ज्यादा कांवड़िये होते हैं। सौमित्र दीक्षित की विशेष रिपोर्ट- चारों दिशाओं में शिवधाम जाने का जंक्शन है बरेली
बरेली में कांवडियों का सैलाब होने की वजह है कि चारों दिशाओं में भगवान शिव के मंदिर हैं। जल लेकर लाने और उन्हें शिवधाम तक पहुंचाने के लिए सात नाथों की नगरी बरेली होकर गुजरना होता है। इसीलिए यहां केसरिया सैलाब रहता है।
गोला गोकर्णनाथ जाने का रास्ता
बरेली से महज 119 किमी की दूरी पर स्थित गोला गोकर्णनाथ शिवभक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसकी महत्वा काशी के बाद दूसरी है। शिवभक्तों के बीच यह छोटी काशी के रूप में प्रचलित है। सावन के महीने में यहां के मंदिर में भगवान शिव का जलभिषेक करने के लिए हजारों की संख्या में कांवड़िये उमड़ते हैं।
कछला से जल लेकर जाने का रास्ता बरेली से
गंगा नदी के घाटों के लिए प्रसिद्ध कछला कांवड़ियों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यह बरेली से 79 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां बरेली ही नहीं दूरदराज के इलाकों के भी कांवड़िये जल लेने के लिए आते हैं। आंकड़ों की माने तो सावन के महीने में करीब दस लाख कांवड़िये यहां जल लेने के लिए पहुंचते। उसके बाद भगवान भोले के तीर्थस्थलों पर जाकर जलाभिषेक करते हैं।
हरिद्वार से जल लाने वाले भी इस रास्ते गोला जाते
उत्तराखंड राज्य स्थित हरिद्वार हिन्दुओं का एक पवित्र शहर है। हरिद्वार दुनिया के हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। कहा जाता है कि पवित्र गंगा नदी यहीं से मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। बरेली से इसकी दूरी मात्र 247 किमी है। यहां की पवित्र गंगा नदी से जल लेकर कांवड़िये जलाभिषेक करते हैं।
जागेश्वर जाने का रास्ता भी बरेली से
अल्मोड़ा जिले में स्थित जागेश्वर धाम शिवभक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह बरेली से 226 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूरदराज से आने वाले कांवड़िये बरेली से होकर जागेश्वर धाम जाते हैं। पहाड़ों में स्थित यह शिवधाम अपनी खूबसूरती और परंपराओं के लिए दु्नियाभर में प्रसिद्ध है।