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सरकारी फंड हड़पने वालों को पहुंची एसडीएम की चिट्ठी, आठ लेखपाल, दो राजस्व निरीक्षक व बाबू पर दर्ज होगा मुकदमा

फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी योजना में सेंधमारी करके आठ लेखपाल दो राजस्व निरीक्षक और एक राजस्व बाबू के फंसने के बाद अब मुकदमा भी दर्ज होगा। एडीएम प्रशासन वीके सिंह ने मीरगंज आंवला फरीदपुर बहेड़ी और सदर एसडीएम को मुकदमा दर्ज कराने से पहले लेटर जारी किए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 01:55 PM (IST)
सरकारी फंड हड़पने वालों को पहुंची एसडीएम की चिट्ठी, आठ लेखपाल, दो राजस्व निरीक्षक व बाबू पर दर्ज होगा मुकदमा
सरकारी फंड हड़पने वालों को पहुंची एसडीएम की चिटठी, आठ लेखपाल, दो राजस्व निरीक्षक व बाबू पर दर्ज होगा मुकदमा

बरेली, जेएनएन। फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी योजना में सेंधमारी करके आठ लेखपाल, दो राजस्व निरीक्षक और एक राजस्व बाबू के फंसने के बाद अब मुकदमा भी दर्ज होगा। एडीएम प्रशासन वीके सिंह ने मीरगंज, आंवला, फरीदपुर, बहेड़ी और सदर एसडीएम को मुकदमा दर्ज कराने से पहले लेटर जारी किए। मीरगंज तहसील में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 66 लाभार्थियों के आवेदन पत्राें के साथ लगाए गए मृत्यु प्रमाणपत्र जांच में फर्जी मिले थे।

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छानबीन में सामने आया कि पात्रता की आख्या लगाने वाले राजस्व विभाग के कर्मचारियों की पूरे मामले में मिली भगत थी। दलालों के जरिए सरकारी योजना की रकम को हड़पने के लिए कारगुजारी की गई। 2014 में मीरगंज तहसील में तैनात एसडीएम पंकज कुंवर ने जांच करने के बाद लेखपाल नन्हे प्रसाद, मनवीर, ब्रजपाल, अशोक कुमार, नरेश कुमार, अनवर सईद, शिशुपाल और अरुण कुमार शर्मा को दोषी माना। साथ ही, राजस्व निरीक्षक हजारी सिंह, नुरुअल हक और राजस्व लिपिक महिमन सिंह को दोषी माना था।

एसडीएम ने जनवरी 2015 में मीरगंज थाने में 66 महिलाओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। क्राइम ब्रांच ने विवेचना शुरू की। छानबीन में विष्णु पंडित और इंद्रपाल गंगवार के नाम बढ़ाए गए। इसके अतिरिक्त 66 महिलाओं के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर जांच से नाम हटाया गया। अब क्राइम ब्रांच की तरफ से राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर करने की अनुमति मांगी गई। इसके अतिरिक्त, लेखपाल, राजस्व निरीक्षकों के खिलाफ जांच अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) ने की और उन्हें दोषी पाया गया।

2014 में चार राजस्व कर्मचारी हो चुके रिटायर

2014 में हुए गड़बड़ी में चली लंबी जांच के चलते वर्तमान तैनाती में लेखपाल नन्हें प्रसाद मीरगंज तहसील, अशोक कुमार आंवला से, शिशुपाल गंगवार मीरगंज से, नूर उल हक राजस्व निरीक्षक सदर तहसील से रिटायर हो चुके हैं। यही वजह है एसडीएम ईशान प्रताप सिंह ने राजस्व निरीक्षक के लिए जवाब भेज भी दिया है।

इस योजना की राजस्व कर्मचारियों ने हड़पी थी रकम

गृहस्वामी या कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होने के बाद असहाय परिवार की मदद के लिए पारिवारिक लाभ योजना शुरू की गई थी। परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला होता है। इसमें 30 हजार रुपये एकमुश्त भुगतान किया जाता है। लाभार्थी बनने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में फार्म जमा किया जाता है, जिसमें आय व मृत्यु प्रमाणपत्र लगाया जाता है। समाज कल्याण अधिकारी इसका तहसील से सत्यापन कराते हैं। रिपोर्ट सही आने पर लाभार्थी को बैंक के माध्यम से भुगतान किया जाता है।

वाद दायर करने से पहले मीरगंज, आंवला, फरीदपुर, बहेड़ी और सदर एसडीएम को लेटर भेजा है। एसडीएम सदर का जवाब एक दिन पहले आ चुका है। अभी बाकी के जवाब का इंतजार है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। - वीके सिंह, एडीएम प्रशासन 


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