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गुटबाजी पर रात में डांटा, सुबह पुचकार गए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, Bareilly News

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के तेवर शनिवार की रात में तल्ख थे। रात में मंथन के साथ रविवार सुबह वह नर्म हो गए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:52 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 08:36 AM (IST)
गुटबाजी पर रात में डांटा, सुबह पुचकार गए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, Bareilly News
गुटबाजी पर रात में डांटा, सुबह पुचकार गए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, Bareilly News

जेएनएन, बरेली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के तेवर शनिवार की रात में तल्ख थे। रात में मंथन के साथ रविवार सुबह यह नर्म हो गए। पहले सिर्फ सुल्तान बेग के यहां चाय पर जाना तय था। लेकिन, उनके साथ पूर्व मंत्री अताउर्रहमान, पूर्व महापौर डॉ. आइएस तोमर, पार्टी नेता अर¨वद यादव और नीरज यादव के घर भी गए। अपनेपन का एहसास कराया। यह भी बता गए कि एक रहेंगे तभी सत्ता की लड़ाई जीत सकेंगे।

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खराब भूमिका पर बिफरे सपा प्रमुख

सपा मुखिया शनिवार को रामपुर से वापस आकर रात में सर्किट हाउस में रुके। रात में कई नेता मिलने पहुंचे। उन्हीं के सामने यहां प्रमुख सपा नेताओं पर गुटबाजी और चुनाव में खराब भूमिका को लेकर बिगड़ गए थे। रविवार सुबह ही लखनऊ जाने का कार्यक्रम था। सुबह हुई तो कार्यक्रम बदला था। चार नेताओं के घर गए। उनके परिजन से भी मिले। चाय का यह कार्यक्रम गुटबाजी पर लगाम के नजरिये से अहम रहा।

मुख्यमंत्री चलाना नहीं जानते लैपटॉप

उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने वायदे पूरे नहीं कर रही है। घोषणा पत्र में लैपटॉप और डेटा देने का वायदा किया, लेकिन बांटा नहीं गया, क्योंकि मुख्यमंत्री को लैपटाप चलाना नहीं आता है।

अपने साथ ले गए बरेली का सुरमा 

सुरमा कारोबारी हसीन हाशमी के पुत्र शावेज हाशमी ने भी मुलाकात कर सुरमा भेंट किया। इस दौरान प्रमोद यादव और हैदर अली भी मौजूद रहे।

साथ बैठाए गए शहजिल-सुल्तान

एकदूसरे को पसंद नहीं करने वाले पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम और पूर्व विधायक सुल्तान बेग साथ बैठे। अखिलेश यही चाहते थे। इसी शर्त वह सुल्तान बेग के भाई डॉ. अनीस बेग के आवास पर चाय पीने जाने को तैयार हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने चाय के दौरान जिस तरह की बातचीत की, उसमें संदेश साफ था, किसी दल के साथ के बजाय खुद एक होकर ही भाजपा से लड़ा जा सकता है। सरकार के कामों और नीतियों पर बोलने के लिए बहुत कुछ है, बस मेहनत की आदत डालना होगी। जनता के बीच जाकर उनके दर्द में भागेदारी करनी होगी। हर महीने आंदोलन करना होगा। वहीं वह यह भी बता गए कि गठबंधन का तजुर्बा अच्छा नहीं रहा है। बसपा को लेकर पत्रकारों ने सवाल भी किए लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की। एमएलसी प्रोफेसर वसीम बरेलवी भी पहुंचे। शमीम सुल्तानी, इकबाल रजा खां, पार्षद सलीम पटवारी, शमीम अहमद, अलीम खां सुल्तानी आदि ने स्वागत किया।


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