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अध्यादेश की धज्जियां उड़ाकर 32 स्कूलों ने ली मनमानी फीस

सीबीएसई और आइसीएसई के कथित बड़े स्कूलों ने मनमानी फीस वसूलकर जेब पर खूब डाका डाला है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 08:24 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 02:24 AM (IST)
अध्यादेश की धज्जियां उड़ाकर 32 स्कूलों ने ली मनमानी फीस
अध्यादेश की धज्जियां उड़ाकर 32 स्कूलों ने ली मनमानी फीस

जागरण संवाददाता, बरेली : सीबीएसई और आइसीएसई के कथित बड़े स्कूलों ने मनमानी फीस वसूलकर अभिभावकों की जेब पर खूब डाका डाला है। 32 स्कूलों के फीस रिकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से जारी शुल्क निर्धारण अध्यादेश में निर्धारित मानक से अधिक फीस वृद्धि की है। फीस रिकॉर्ड की यह जांच जिला शुल्क निर्धारण कमेटी की ओर से माध्यमिक के वित्त एवं लेखाधिकारी ने की है। पाया है कि कई स्कूलों ने 16 से लेकर 30 फीसद तक फीस में वृद्धि की है। जबकि अध्यादेश के सीपीआइ के मुताबिक फीस में अधिकतम 9.8 फीसद तक वृद्धि ही संभव है। जाहिर है कि ऐसे में स्कूलों ने अध्यादेश को भी दरकिनार कर दिया है और अब यह स्कूलों में संसाधन बढ़ाने के नाम पर फीस का समायोजन और वापसी नहीं करना चाहते हैं।

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मनमाने ढंग से फीस वृद्धि करने वालों में शहर के नामी-गिरामी स्कूल भी शामिल हैं। बता दें कि कमिश्नर के निर्देश पर डीआइओएस ने जिले के 63 स्कूलों से फीस, शिक्षकों के वेतन का रिकॉर्ड मांगा था। डीआइओएस कार्यालय ने इस रिकॉर्ड का परीक्षण किया और दुबारा परीक्षण के लिए माध्यमिक के वित्त एवं लेखाधिकारी को रिकॉर्ड मुहैया करा दिया। उन्होंने रिकॉर्ड की जांच की तो उसमें बेतहाशा फीस वृद्धि की बात सामने आई। यह रिपोर्ट कमिश्नर को जाती, उससे पहले ही हुई पिछली मंडलीय समिति की बैठक में सीए से सत्यापित आडिट रिपोर्ट का पेंच फंस गया। कहा गया कि स्कूलों से अब सीए से सत्यापित आडिट रिपोर्ट मांगी जाए। स्कूल यह रिपोर्ट फिलहाल नहीं दे रहे हैं। इंसेट..

जांच रिपोर्ट दबाने में जुटे स्कूल वाले

बेतहाशा फीस वसूली के बोझ से दबे अभिभावकों को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार की ओर से जारी शुल्क निर्धारण के अध्यादेश से उनको राहत मिलेगी लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। कमिश्नर के सख्त रुख पर डीआइओएस ने तो सख्ती दिखाई, रिकॉर्ड की जांच इसी का नतीजा है। इससे घबराए स्कूल संचालकों ने कार्रवाई से बचने को जांच रिपोर्ट रुकवाने की जोड़तोड़ शुरू कर दी। गुरुवार को हुई मंडलीय शुल्क निर्धारण समिति की बैठक में उन्होंने अतिरिक्त फीस की वापसी से बचने के लिए कमिश्नर के समक्ष अभिभावकों से लिया पैसा स्कूल के संसाधन बढ़ाने पर खर्च करने का तर्क रखा। हालांकि कमिश्नर ने साफ कह दिया है कि अध्यादेश का पालन तो हर हाल में करना होगा।

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कोट..

रिकॉर्ड की प्रारंभिक जांच तो एओ से कराई जा चुकी है। कमिश्नर साहब अगर निर्देशित करेंगे तो जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा देंगे।

-डॉ. अचल कुमार मिश्र, डीआइओएस

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कई स्कूलों की जांच कर चुके हैं। 32 स्कूलों के जांच रिपोर्ट लगभग तैयार है लेकिन उच्चाधिकारियों के निर्देश मिलें तो रिपोर्ट भेज देंगे।

-रामकुमार मौर्य, एओ माध्यमिक


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