संजोया इतिहास : बरेली कॉलेज के म्यूजियम में करें ऐतिहासिक वस्तुओं का दीदार..
अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता, उनका दौर। कालांतर के रहस्य। आजादी से पहले की भारतीय मुद्रा, स्टाम्प और रुहेला सरदार का इतिहास आदि देखना है तो सीधे बरेली कॉलेज चले आइये।
बरेली (जेएनएन)। अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता, उनका दौर। कालांतर के रहस्य। आजादी से पहले की भारतीय मुद्रा, दस्तावेज, नक्शे और इन जैसी ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं नए भारत की इबारत लिखेंगी। बरेली कॉलेज के इतिहास संग्रहालय में रखी यह वस्तुएं शोधार्थियों के काम आ सकेंगी। सोमवार को इस नायाब संग्रहालय का उद्घाटन हुआ। जल्द ही रोहिला सरदार से जुड़ी यादों, वस्तुओं को भी इंग्लैड से लाकर इसमें स्थान दिया जाएगा।
--ऐसे हुई शुरुआत
संग्रहालय के समन्वयक डॉ. शफीकउद्दीन ने देश-विदेश के कॉलेज, विश्वविद्यालयों में इसी तरह के संग्रहालय को देखा। विशिष्ट पहचान रखने के बाद भी बरेली कॉलेज की विरासत विश्व पटल पर अधूरी महसूस हुई। यहीं से उन्होंने बरेली कॉलेज में भी ऐसा ही संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया।
--देवमूर्ति ने किया शुभारंभ
सोमवार को कॉलेज की प्रबंध समिति सचिव देवमूर्ति ने इस संग्रहालय का शुभारंभ किया। ऐसे में अब बरेली कॉलेज में भी ऐतिहासिक विरासत को देखने का मौका मिलेगा। जिनसे न केवल भूतकाल की जानकारी मिलेगी बल्कि भविष्य में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस मौके पर देवमूर्ति ने कहा कि संग्रहालय वर्तमान के लिए ही नहीं बल्कि भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा, डॉ. पूर्णिमा अनिल, डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. संध्या मिश्रा, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. एसके मेहरोत्रा, डॉ. आरके बास आदि मौजूद रहे।
--संग्रहालय में सहेजी गई यह वस्तुएं
दस्तावेज, ऐतिहासिक वस्तुएं व आजादी से पहले की मुद्रा, अलग-अलग रियासतों के स्टाम्प, नक्शा, टाइपराइटर व पुराने फोटो, गैजेटियर, कैमरे, पंखे, टेलीफोन और ग्रामोफोन के साथ लैम्प आदि को संग्रह कर रखा गया है।
--इंग्लैंड से आएगा रुहेला सरदार का इतिहास
समन्वयक ने बताया, हाफिज रुहेला खां ने अंग्रेजों से मोर्चा लिया था। उनसे का इतिहास इंग्लैंड के इंडियन आर्काइव में रखा है। अब वहां से माइक्रो फिल्म में उनके इतिहास से जुडे़ दस्तावेज, वस्तुएं यहां लाने की योजना है। यह शोधार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण साहित्य होगा।