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Rohilkhand University : पहले बांटी नियम विरुद्ध मान्यता, अब डिग्री मान्य कराने की तैयारी

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो कुछ कॉलेजों में बीलिब और एमलिब कोर्स के संचालन के लिए मान्यता दे दी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 11:50 PM (IST)
Rohilkhand University : पहले बांटी नियम विरुद्ध मान्यता, अब डिग्री मान्य कराने की तैयारी

बरेली, जेएनएन । महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले तो कुछ कॉलेजों में बीलिब और एमलिब कोर्स के संचालन के लिए मान्यता दे दी। लेकिन जब डिग्री की अर्हता पर सवाल खड़े हुए तो पेंच फंस गया। शिकायत राजभवन से हुई तो आनन-फानन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कोर्स को अपनी परिनियमावली में शामिल करने का प्रस्ताव राजभवन को भेज दिया। जनवरी से लेकर अब तक दो बार पत्र भेजे जाने के बाद भी वहां से कोई आदेश नहीं आया। अब फिर से रिमाइंडर भेजने की तैयारी है।

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विश्वविद्यालय के जानकारों के मुताबिक राजभवन से मंजूरी के बाद सेल्फ फाइनेंस कोर्स के तहत बरेली कॉलेज को बीलिब 2001 और एमलिब पाठ्यक्रम 2015 से संचालित करने की मान्यता मिली थी। लेकिन इसी के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई और कॉलेजों में इस कोर्स की मान्यता दे दी। जबकि विश्वविद्यालय की परिनियमावली में यह कोर्स शामिल ही नहीं है। कई साल से इस कोर्स की डिग्री भी छात्र-छात्राओं को बांटी जा रही है। जिसके अर्ह होने पर सवाल खड़े हो गए हैं।

दो बार भेजा गया है पत्र

मामले की शिकायत राजभवन से हुई तो बीते जनवरी में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले 20 जनवरी और फिर 29 मई को कुलाधिपति के विशेष सचिव को पत्र भेजकर परिनियमावली में शामिल कराने का अनुमोदन देने का अनुरोध किया। लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं आया है।

राजभवन में बाद हो गई है। दोनों कोर्स को विश्वविद्यालय की परिनियमावली में शामिल कराने के लिए फिर से एक पत्र भेजना है। जिसके बाद इसे शामिल कर लिया जाएगा।

डॉ. सुनीता पांडेय, कुलसचिव, रुविवि


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