स्नातक के परिणाम को लेकर रुविवि ने स्पष्ट की स्थिति
कोविड संक्रमण के चलते स्नातक की मुख्य परीक्षा बदले पैटर्न पर हुई। तीन घंटे की परीक्षा को डेढ़ घंटे व प्रश्नों की संख्या को भी सीमित किया गया। इस बार जारी हुए परिणाम में भी अलग फार्मूला अपनाया गया। परिणाम जारी हुआ तो इसपर कई आपत्तियां उठीं। छात्र नेताओं ने परिणाम में गलतियां होने की बात कही। इसके बाद विश्वविद्यालय ने परिणाम को लेकर स्थिति स्पष्ट की है।
जासं, बरेली: कोविड संक्रमण के चलते स्नातक की मुख्य परीक्षा बदले पैटर्न पर हुई। तीन घंटे की परीक्षा को डेढ़ घंटे व प्रश्नों की संख्या को भी सीमित किया गया। इस बार जारी हुए परिणाम में भी अलग फार्मूला अपनाया गया। परिणाम जारी हुआ तो इसपर कई आपत्तियां उठीं। छात्र नेताओं ने परिणाम में गलतियां होने की बात कही। इसके बाद विश्वविद्यालय ने परिणाम को लेकर स्थिति स्पष्ट की है।
परीक्षा नियंत्रक अशोक कुमार अरविद ने बताया कि बीए, बीएससी व बीकाम में खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा विषय के प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक लिखित परीक्षा के आधार पर दिए गए। यदि किसी छात्र ने बीएससी द्वितीय वर्ष 2021 में जंतु विज्ञान विषय लिया है और उसे मूल्यांकन में 100 में 50 अंक प्राप्त हुए तो उसका प्रतिशत 50 हुआ। यह प्रतिशत जंतु विज्ञान विषय के सभी लिखित प्रश्नपत्रों के अधिकतम अंकों के आधार पर किया गया। इसके तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय में क्रमश: 33, 33 व 34 अंक का पूर्णांक निर्धारित किया गया। फार्मूले के तहत प्रथम प्रश्नपत्र में 33म50/100=16.5 (17), द्वितीय प्रश्नपत्र में 33म50/100=16.5 (17) और तृतीय प्रश्नपत्र में 34म50/100=17 प्राप्तांक दिए गए हैं। इसी तरह से बीएससी तृतीय वर्ष में यदि छात्र ने गणित लिया है और उसे मूल्यांकन में 100 में 60 अंक प्राप्त हुए हैं तो उसका प्रतिशत 60 हुआ। यह प्रतिशत गणित के सभी प्रश्नपत्रों में अधिकतम 60 प्रतिशत लागू किया जाएगा। इसके तहत पूर्णांक प्रथम प्रश्नपत्र में 55, द्वितीय में 55, तृतीय में 55 और चतुर्थ में 60 होंगे। फार्मूले के तहत प्रथम प्रश्नपत्र में 55म60/100=33, द्वितीय प्रश्नपत्र में 55म60/100=33, तृतीय में 55म60/100=33 और चतुर्थ प्रश्नपत्र में 60म60/100=36 प्राप्तांक होंगे। विश्वविद्यालय ने विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर भी अपलोड की है।