'कैद' से आजाद कर बसों की होगी नीलामी
परिवहन निगम : अलग-अलग हादसों में कोर्ट से अटैच हैं 54 रोडवेज बसें, अधिकांश निर्धारित किलोमीटर और उम्र पूरी कर चुकी हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली : परिवहन निगम कानून के शिकंजे में 'कैद' अपनी रोडवेज बसों को जल्द नीलाम करेगा। कैद इस लिहाज से क्योंकि अन्य रोडवेज बसों के हादसे की जमानत इन बसों ने ली है। ऐसे में ये 54 बसें बिना कोर्ट से मुक्त हुए बेची नहीं जा सकती हैं। इनमें बरेली डिपो की 27 बसें, बदायूं डिपो की आठ, रुहेलखंड डिपो की 14 और पीलीभीत डिपो की पांच बसें हैं। बरेली परिक्षेत्र की ये बसें अलग-अलग रूट पर दौड़ रही हैं। इन 54 बसों की नीलामी के बिना परिवहन विभाग को नई बसें नहीं मिलेंगी।
सूबे की दर्जनों कोर्ट में हैं बंधक
रोडवेज बसें सूबे की अलग-अलग कोर्ट में बंधक हैं। इनमें बरेली के ही 10 मामले हैं। इसके अलावा फरीदपुर कोर्ट में एक, तिलहर में एक, शाहजहांपुर में दो, फर्रुखाबाद में दो, कानपुर में एक, उधम सिंह नगर में दो, हल्द्वानी में एक, बदायूं में आठ, बिसौली कोर्ट में पांच, एटा में एक, जलेसर (आगरा) में एक, कासगंज में दो, रामपुर में एक, मुरादाबाद में चार, अमरोहा के जेपी नगर में दो, गढ़मुक्तेश्वर में एक, हापुड़ में तीन के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और बुलंदशहर कोर्ट में दो-दो बसें जमानत पर लगी हैं।
जून में खत्म हो चुकी बसों की मियाद
54 बसों में से अधिकतर यूपी 25 एटी .. सीरीज की हैं जोकि जून 2009 में आवंटित हुई थी। परिवहन विभाग ने रोडवेज बसों की आठ साल और 12 लाख किलोमीटर की मियाद तय की है। ऐसे में ये बसें किलोमीटर और उम्र के लिहाज से अपना समय पूरा कर चुकी हैं और अब कंडम होने के बावजूद दौड़ रही हैं।
बसों को अवमुक्त कराने के निर्देश
बरेली क्षेत्र के महाप्रबंधक ने कोर्ट से अटैच वाहनों को न्यायालय से अवमुक्त कराने की बाबत कर्मियों को कहा है। इसके लिए पहले 30 सितंबर की तारीख तय हुई थी।
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बरेली परिक्षेत्र के बेड़े में अगले साल कई नई बसें आनी हैं। इन्हीं में 54 कंडम बसों को अवमुक्त कराकर नीलाम करने की भी योजना है। इसके अलावा 35 कुंभ स्पेशल बसें भी मार्च में बेड़े में शामिल होंगी।
- राजीव चौहान, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम