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धान के अधिक सूखने के कारण चावल हो रहा फेल, नहीं ले रहा एफसीआई

किसानों को समर्थन मूल्य दिए जाने के लिए स्थापित किए गए क्रय केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ लगी हुई है। इसके चलते उसका धान कई कई दिन बाद तौल पा रहा है। समय ज्यादा लगने के कारण 17 फीसदी से काफी कम नमी रह जा रही है

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 05:28 PM (IST)
धान के अधिक सूखने के कारण चावल हो रहा फेल, नहीं ले रहा एफसीआई
एफसीआई गोदाम में अभी तक सिर्फ 32 गाडिय़ों का ही इसके चलते उतार हो सका है।

पीलीभीत, जेएनएन।  किसानों को समर्थन मूल्य दिए जाने के लिए स्थापित किए गए क्रय केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ लगी हुई है। इसके चलते उसका धान कई कई दिन बाद तौल पा रहा है। समय ज्यादा लगने के कारण 17 फीसदी से काफी कम नमी रह जा रही है। धान अधिक सूख जाने के कारण राइस मिलों पर कुटाई करने में भी दिक्कत आ रही है। कई दिन पड़े रहने से धान की क्वालिटी में भी फर्क आ रहा है। राइसमिल में कुटाई के दौरान खंडी बनने के साथ टूटन भी अधिक हो रही है। कुटाई के बाद जब धान को सरकारी गोदामों में लेकर जाया जा रहा है तो वहां उतार को लेकर समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। एफसीआई गोदाम में अभी तक सिर्फ 32 गाडिय़ों का ही इसके  चलते उतार हो सका है। आठ गाड़ी डैमेज, डिस्कलर और पालिस की वजह से फेल हो चुकी हैं। राइस मिलर अजमेर ङ्क्षसह छीना ने बताया कि क्रय केंद्रों से धान अधिक सूखा आने के कारण टूटन बढ़ रही है। अगर धान में दोबारा नमी तैयार की जाती है तो फिर सुखाने में दिक्कत आएगी। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार सिर्फ पांच फीसद ही चावल का उतार हो सका है। अन्य कई दिक्कतों को लेकर भी परेशानी बढ़ी है। 

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राइसमिलों से आने वाले चावल में पच्चीस फीसदी खंडन, टूटन होने तक उसे लेने के आदेश हैं। 26 से 27 फीसदी तक टूटन आ रही है। ऐसी गाडिय़ों को रिजेक्ट किया जा रहा है। डैमेज, डिस्कलर और पालिस को लेकर भी कुछ गाडिय़ों को फेल किया गया है। मानक के अनुसार ही चावल का उतार कराया जा रहा है।

सौरभ कुमार, तकनीकी सहायक

एफसीआइ गोदाम रम्पुरा 

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