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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गैंडा परियोजना पर लगा ग्रहण

बरेली: टाइगर रिजर्व के जंगल में गैंडा पुनर्वास परियोजना शुरू नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 12:45 PM (IST)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गैंडा परियोजना पर लगा ग्रहण
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गैंडा परियोजना पर लगा ग्रहण

बरेली (जेएनएन): टाइगर रिजर्व के जंगल में गैंडा पुनर्वास परियोजना शुरू नहीं हो पाई है। इस दिशा में विभागीय अधिकारियों ने कोई खास प्रयास नहीं किए, जबकि पड़ोसी जनपद के दुधवा नेशनल पार्क से गैंडे मंगाए जाने थे।

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बरसात के सीजन में नेपाल के शुक्ला फांटा अभ्यारण से पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज के लग्गाभग्गा में गैंडा आ जाते हैं, जो कुछ समय तक रहने के बाद ही स्वत: चले जाते हैं। हाथियों का झुंड भी आता है। गैंडा के लिए टाइगर रिजर्व का जंगल मुफीद है। दो साल पहले सेव इन्वायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी ने प्रदेश शासन को पत्र भेजकर टाइगर रिजर्व के जंगल में गैंडा पुनर्वास परियोजना लागू किए जाने की मांग की थी। शासन से गैंडा परियोजना के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। इस पर वनाधिकारियों ने महोफ रेंज की चौगेबी में जगह का चिन्हांकन कर सूचना भेज दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वन मंत्री दारा ¨सह चौहान समेत कई जनप्रतिनिधियों का पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आगमन हुआ, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। पड़ोसी जनपद लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में फेस-टू का शुभारंभ हो चुका है। अगर यहां के जंगल में एक नर व एक मादा गैंडा लाकर शुरुआत की जा सकती है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व को आने वाले गैंडे दुधवा नेशनल पार्क से ही आने हैं। डीएफओ के मुताबिक गैंडा पुनर्वास परियोजना को लागू करने के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वर्जन

गैंडा पुनर्वास परियोजना को लागू कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दोबारा मांग की जाएगी। यहां का प्राकृतिक वातावरण भी गैंडा के लिए अनुकूल है।

-टीएच खान, पर्यावरण¨चतक, पीलीभीत।


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